सूरत। वराछा के दो युवको को कम कीमत पर भंगार बेचने का लालच देकर चीन के कुछ धोखेबाजों ने 15 लाख रुपए ठग लिए।
हुआ यूं कि वराछा के दो युवकों ने जल्दी रुपए कमाने के लिए इपोर्ट और एक्सपोर्ट का व्यवसाय करना चाहा। कुछ महीनों पहले उन्होंने डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ फोरेन ट्रेड(डीजीएफटी) के कार्यालय से इपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड भी बनवा लिया।
इसके बाद एक दिन चीन की एक कंपनी से उन्हे मेल आया। जिसमें कि उन्हें तांबा का भंगार 250 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचने का ऑफर किया गया था। सूरत में यह भंगार 420 रुपए प्रति किलों के दाम बिकता है। एक किलो के पीछे 170 रुपए का लाभ देकर इन दोनों युवको ने वहां से भंगार इपोर्ट करना पसंद किया।
लेकिन इसके पहले वे मेल करने वाली कंपनी की सच्चाई जानने के लिए चीन में बेइजिंग गए। वहां उन्हें एयरपोर्ट से कुछ लोग कंपनी की साइट पर ले गए और सब कुछ दिखाया। इसके पश्चात सौदा तय हो गया। लेकिन कंपनी वालों ने पहले एडवांस 15 लाख रुपए की मांग की।
सूरत पहुंचने के बाद दोनों युवको ने रुपए भेज दिए। रुपए भेजने के पंद्रह दिन बाद भंगार आना था, लेकिन एक महीने तक नहीं आने के बाद परेशान दोनों युवको ने उनका संपर्क करना चाहा लेकिन किसी भी तरह संपर्क नहीं हो सका। इसके पश्चात दोनों युवक फिर से बेइजिंग गए और वहां के प्रशासन से शिकायत की।
प्रशासन ने भी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला। हताश हुए दोनों युवको ने डीजीएफटी कार्यालय का संपर्क कर मदद की गुहार लगाई लेकिन यह मामला डीजीएफटी के कार्यक्षेत्र में नहीं आता।