इलाहाबाद। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन रविवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के दो सालों के दौरान किए गए विकास कार्यों की सराहना की गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे डटकर मेहनत करें ताकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जा सके।
बैठक में यह बात भी उभर कर सामने आई कि इन दो सालों में पार्टी का अन्य राज्यों में भी विस्तार हुआ है। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की पीठ थपथपाई गई। इसके साथ ही यह भी महसूस किया गया कि साल 2017 पार्टी के लिए चुनौतियों का साल है क्योंकि अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब आदि राज्यों में विधान सभा चुनाव होंगे।
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शाम को मीडिया ब्रीफिंग में बैठक का ब्यौरा देते हुए बताया कि बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने दो साल पूरे किए। भाजपा ने असम में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में पहली बार भाजपा की सरकार बनाई। केरल और पश्चिम बंगाल में उपस्थिति दर्ज़ कराई जहां पार्टी का वोट प्रतिशत भी पहले के मुकाबले बढ़ा।
अब पार्टी के लिए यह फख्र की बात है कि भाजपा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर गुवाहाटी तक अपनी मौजूदगी दर्ज़ किए हुए है। सरकार की दो साल की उपलब्धियों को केंद्रीय मंत्री और सांसद विभिन्न क्षेत्रो में जाकर विकास पर्व के आयोजनों में जनता से सीधा संवाद कर के उन्हें बता रहे हैं।
अमित शाह ने बैठक में कहा कि मोदी के नेतृत्व में दो साल के दौरान कोई घोटाला या भ्रष्ट्राचार नहीं हुआ जबकि यूपीए के 10 साल के शासन में घोटालों की भरमार थी। पूर्ववर्ती सरकार में शहर और देहात का द्वंद्व था जबकि मोदी सरकार का जोर सुधार और जन कल्याण पर रहता है।
प्रधानमंत्री और कैबिनेट (नेता) नीतिगत निर्णय करते हैं और नौकरशाह उनका क्रियान्वयन करते हैं। किसी को कोई गलतफहमी नहीं है। पिछली सरकार के दौर में रक्षा और विदेश नीति के द्वंद्व को हमारी सरकार ने ख़त्म कर दिया। हम जन भागीदारी को तवज्जो देते हैं।
स्वच्छ्ता अभियान, योग, नमामि गंगे और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि कार्यक्रमों की सफलता सरकार और जन भागीदारी का ही परिणाम है।
भाजपाध्यक्ष ने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है। इसकी शुरुआत अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्वकाल में हुई थी। फिर एक दशक तक यूपीए (कांग्रेस गठबंधन) सरकार रही जो भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त रही। अब पिछले दो साल से मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत की छवि पूरी दुनिया में निखरी है। आर्थिक विकास दर 5.6 फीसद से बढ़कर 7.6 फीसद हो गई है। मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया आदि प्रोग्राम सफलता के साथ चल रहे हैं।
विदेश नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के साथ ईरान, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और तुर्कमेनिस्तान समेत दक्षिण एशिया में नए रिश्ते बन रहे हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर सऊदी अरब, अफगानिस्तान, ईरान, क़तर और आबू धाबी ने भारत का समर्थन किया है।
दो इस्लामिक देशों अफगानिस्तान और सऊदी अरब ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया है। एनएसजी के मुद्दे पर स्विट्ज़रलैंड, मेक्सिको और अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है। अमरीकन कांग्रेस ने डॉ अम्बेडकर की प्रतिभा को समझा है।
देश से कांग्रेस के खात्मे का हवाला देते हुए अमित शाह ने कहा कि उसने दो साल में विकास के कार्यों की राह में जो बाधाएं उत्पन्न की हैं यह उसी का नतीजा है। भाजपा के विकास की वजह उसकी विचारधारा और समर्पण है ना कि कांग्रेस का क्षीण होना। केरल और बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पूरा देश खड़ा है।
उत्तर प्रदेश के कैराना से एक वर्ग विशेष के लोगों के पलायन और मथुरा के जवाहरबाग में हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए अमित शाह ने इनके लिए राज्य की अखिलेश यादव सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन घटनाओं को रोकने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि मथुरा की घटना की केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सीबीआई जाँच कराने को तैयार हैं लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक कोई सिफारिश इसके लिए नहीं की। इससे उसकी मंशा पता चलती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सपष्ट बहुमत वाली सरकार बनवाने के लिए काम करें। बैठक में प्रधानमंत्री ने भी सभी पदाधिकारियों के कार्यों की सराहना की।
बैठक में अमित शाह ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से नरेंद्र मोदी एप्प और सोशल मीडिया का अधिकाधिक इस्तेमाल कर सरकार के कार्यों का प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया ताकि 2019 में केंद्र में दोबारा भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बन सके।
मीडिया ब्रीफ़िंग के दौरान एक सवाल के जवाब में रवि शंकर ने कहा कि नेपाल के साथ भारत के रिश्ते मधुर हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह संसदीय बोर्ड तय करता है कार्यकारिणी की बैठक में यह तय नहीं होता।
राममंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह हमारा चुनावी एजेंडा नहीं है बल्कि यह आस्था का मामला है। इसे सरकार और जनता की आम सहमति से सुलझाया जाना चाहिए।