वाशिंगटन। अमरीका के फ्लोरिडा स्थित ‘पल्स’ नाइट क्लब में हुई गोलीबारी में 53 लोग मारे गए, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल भी हुए। ये घटना और भी भयानक हो सकती थी, अगर भारतीय मूल के इमरान यूसुफ ने अपनी जान जोखिम में डालकर क्लब का पिछला दरवाज़ा नहीं खोला होता। इमरान ने खतरा मोल लेकर भी क्लब में मौजूद करीब 70 लोगों की जान बचाई।
खबरों के मुताबिक हमलावर जब क्लब में अंधाधुंध फायरिंग कर रहा था, उस दौरान इमरान ने बहादुरी दिखाते हुए फायरिंग के बीच ही क्लब के पीछे का गेट खोल दिया था, जिससे करीब 70 लोगों की जान बच सकी। इमरान क्लब में बाउंसर का कम करते हैं और घटना वाली रात अपनी ड्यूटी पर तैनात थे।
इमरान का कहना है कि जैसे ही उसने गोलियां चलने की आवाज सुनी, तो उसे पता चल गया था कि फायर किसी बड़ी बंदूक से किए जा रहे हैं और जरूर कुछ गड़बड़ है। इमरान ने तभी सूझबूझ दिखाते हुए क्लब पिछला दरवाज़ा खोल दिया, जिससे नाइट क्लब के उस हिस्से में मौजूद सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल गए।
इमरान के भाई अमीर युसूफ ने बताया कि उन्हें क्लब में हो रही गोलीबारी की जैसी जानकारी मिली थी, उससे इस बात की बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि इमरान जिंदा बच पाएगा। मरीन कॉप्र्स एसोसिएशन ने इमरान की फोटो के साथ ट्वीट किया, शूटिंग के दौरान सार्जेंट इमरान ने कई लोगों की जिंदगी बचाई।