हरारे। एकदिवसीय श्रृंखला में क्लीन स्वीप के बाद भारत ने तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला के अंतिम व निर्णायक मुकाबले में जिम्बाब्वे को 3 रन से हराकर श्रृंखला 2-1 से जीत ली।
बेहद ही रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे के सामने 139 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में मारुमा (13 गेंदों पर 23 रन) और चिगुम्बरा (16 गेंदो पर 16 रन) के बेहतरीन बल्लेबाजी की बदौलत जिम्बाब्वे जीत के काफी करीब पहुंच चुका था, लेकिन बरेंदर सरन की आखिरी गेंद पर चिगुम्बरा चौका नहीं लगा पाए और चहल को कैच थमा दिया। जिससे जिम्बाब्वे इतिहास रचने के काफी करीब पहुंचकर फिसल गया।
जिम्बाब्वे निर्धारित 20 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 135 रन ही बना सका। जिम्बाब्वे को जीत के लिए आखिरी ओवर में 21 रनों की जरुरत थी। सरन की पहली गेंद पर मरुमा ने छक्का जड़ा, दूसरी गेंद वाइड रही, तीसरी गेंद नो बाल रही, जिस पर मरुमा ने चौका जड़ा। बाकि दो गेंद मरुमा बीट कर गए।
पांचवी गेंद पर एक रन लिया और आखिरी गेंद पर चिंगुम्बरा आउट हो गये। इन दोनों के अलावा जिम्बाब्वे की तरफ से वुसी सिबांडा 28, हेमिल्टन मसकादजा ने 15,पीटर मूर ने 26 रन बनाए। भारत की तरफ से यजुवेन्द्र चहल व अक्षर पटेल ने 1-1 व धवल कुलकर्णी और सरन ने 2-2 विकेट लिया।
इससे पहले केदार जाधव के करियर के पहले अर्धशतक की मदद से भारत ने शुरुआती झटकों और बीच में कुछ विषम पलों से गुजरने के बावजूद छह विकेट पर 138 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाया। जाधव ने 42 गेंदों पर सात चौकों और एक छक्के की मदद से 58 रन बनाए। उनके अलावा कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज टिककर नहीं खेल पाया।
भारत ने आखिरी तीन ओवरों में 43 रन जुटाए जिनमें अक्षर पटेल के 11 गेंदों पर बनाए गए नाबाद 20 रन भी शामिल है। जिम्बाब्वे की तरफ से डोनाल्ड टिरिपानो सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 20 रन देकर तीन विकेट लिये जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है।
भारत को दौरे में पहली बार पहले बल्लेबाजी का मौका मिला लेकिन जिम्बाब्वे ने उसका शीर्ष क्रम क्षकक्षोर कर पहले क्षेत्ररक्षण के अपने फैसले को सही साबित कर दिया।
मनदीप सिंह (4), बेहतरीन फार्म में चल रहे केएल राहुल (22) और मनीष पांडे (0) पहले पांच ओवर के अंदर ही पवेलियन में विराजमान हो गए थे। स्कोर था तीन विकेट पर 27 रन। यह पहला अवसर है जबकि भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ पावरप्ले में तीन विकेट गंवाए।
जिम्बाब्वे ने शुरू में कसी हुई गेंदबाजी की। पहले दो ओवरों में केवल चार रन बने। राहुल ने टेंडाई चतारा के अगले ओवर में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 16 रन बटोरे। टिरिपानो ने हालांकि अपने दूसरे ओवर की पहली गेंद पर मनदीप को आउट कर दिया।
टिमिसेन मारूमा ने उनका खूबसूरत कैच लपका। राहुल ने पहले बदलाव के रूप में आए नेविल मादजिवा की गेंद अपने स्टंप पर खेली जबकि नए बल्लेबाज मनीष पांडे तेजी से रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए।
भारत दसवें ओवर में 50 रन के पार पहुंचा। जाधव ने पहले गेंदबाजों को समझने के बाद अपने हाथ खोलने शुरू किये हालांकि रायुडु 24वीं गेंद का सामना करते हुए पहली बार गेंद को सीमा रेखा के दर्शन कराए। उन्होंने इसके तुरंत बाद लांग आन पर आसान कैच देकर अपना विकेट गंवाया।
रायुडु ने 26 गेंदों पर 20 रन बनाए। भारतीय बल्लेबाज रन बनाने के लिए जूझ रहे थे। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी पर भरोसा था कि वह स्लॉग ओवरों में अपने चिरपरिचित अंदाज में धूमधड़ाका करेंगे लेकिन टिरिपानो ने अपने दूसरे स्पैल की दूसरी गेंद पर ही उन्हें बोल्ड कर दिया।
धौनी नीची रहती गेंद को नहीं समझ पाए जो उनके बल्ले को चूमकर विकेटों में समा गई। यही नहीं एक गिल्ली उछलकर धौनी के चेहरे पर लग गयी थी। भारतीय कप्तान ने 13 गेंदों पर नौ रन बनाए।
जाधव एक छोर पर टिके रहे। उन्होंने लांग आन पर छह रन के लिए भेजकर 17वें ओवर के शुरू में भारतीय स्कोर तिहरे अंक में पहुंचाया। उन्होंने इसी ओवर की आखिरी दो गेंदों पर लगातार दो चौके जड़कर 30 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
टिरिपानो ने उन्हें लांग आन पर आसान कैच देने के लिए मजबूर किया। अक्षर पटेल ने पारी के आखिरी ओवर में मादजिवा पर छक्का जड़ा।