नई दिल्ली। ईपीएस यानी कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन लेने वाले ऐसे उपभोक्ताओं को दो वर्षों तक उनकी पेंशन के 8.16 फीसदी के बराबर अतिरिक्त राशि मिल सकती है, जो 58 साल की आयु के बाद अपनी पेंशन नहीं निकालेंगे।
ऐसे उपभोक्ताओं को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक यह अतिरिक्त राशि मिलेगी। दूसरी तरफ पेंशनर्स के दो साल तक पैसा नहीं निकालने से सरकार को पेंशन फंड में डेफिसिट घटाने में बड़ी सहायता मिलेगी।
सरकार की इस योजना से कर्मचारी पेंशन योजना के 20 लाख अधिक ग्राहकों को लाभ हो सकता है। कर्मचारी पेंशन योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंतर्गत आती है।
ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने हाल ही में यह अधिसूचना जारी की थी कि 58 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन नहीं निकालने पर कर्मचारी को हर साल पेंशन में चार प्रतिशत वृद्धि का लाभ दिया जाएगा।
हालांकि पेंशन न निकालने के लिए उम्र की सीमा 60 वर्ष तय कर दी गई है। ईपीएफओ की अधिसूचना में कहा गया है कि जो सदस्य 59 साल या 60 साल की उम्र तक बगैर योगदान के पेंशन डेफर करेंगे, वे पूरे हुए हर साल के लिए पेंशन की मूल रकम में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी के हकदार होंगे।
इस लिहाज से जो कर्मचारी दो साल तक पेंशन नहीं निकालेंगे, उनकी पेंशन में 8.16 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि जो सदस्य 60 साल की उम्र तक पेंशन में योगदान करते रहेंगे, वे भी इस फायदे के हकदार होंगे और 58 वर्षों के बाद कंट्रीब्यूटरी सर्विस को पेंशनेबल सर्विस और पेंशन योग्य सैलरी की गणना में शामिल किया जाएगा।
अधिसूना के अनुसार इस योजना के तहत मिलने वाला लाभ 25 अप्रैल 2016 से प्रभावी माना जाएगा और ऐसे सदस्यों को दिया जाएगा, जो पहले से ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पेंशनर न हों और 58 साल की उम्र पूरी होने तक जो कम से कम 10 वर्ष सर्विस में रहे हों। अनुमान है कि इस योजना से पेंशन फंड का घाटा करीब 30,000 करोड़ रुपए तक कम हो सकता है।