कराची। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने प्रदेश के उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के अपहृत पुत्र को सुरक्षित बरामद करने में मददगार जानकारी देने वाले को एक करोड़ रूपए का नगद इनाम देने की घोषणा की है।
दक्षिणी सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री सैयद कैम अली शाह ने बुधवार को पुलिस, पाक रेंजर्स और सरकार के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद इनाम की घोषणा की। मुख्यमंत्री शाह ने कहा कि मैं उस व्यक्ति को एक करोड़ रूपए का नगद इनाम देने का ऐलान करता हूं जो यह जानकारी देगा कि ओवैस को कहां रखा गया है, या उसकी बरामदगी अथवा दोषियों की गिरफ्तारी में मददगार साबित होने वाला सुराग देगा।
मुख्य न्यायमूर्ति के पुत्र के अपहरणकर्ताओं के बारे में सुराग देने वाले को इनाम देने के इस ऐलान से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तान के प्रख्यात सूफी कव्वाल अमजद साबरी को तालिबान उग्रवादियों ने मार डाला। उग्रवादियों ने साबरी के सिर में गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी।
सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री शाह ने कहा कि लगता है कि कराची में ऐसे समय पर अशांति और असुरक्षा का माहौल बनाने की साजिश की जा रही है जब बाजारों और खरीदारी वाले इलाकों में ईद की वजह से देर रात तक भीड़ रहती है। एक बयान में उन्होंने कहा मैं इस साजिश को सफल नहीं होने दूंगा और षडयंत्रकारियों तथा आतंकवादियों को सख्ती से कुचल दिया जाएगा।
सिंध उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के बेटे ओवैस अधिवक्ता हैं। उनका 20 जून को पॉश क्लिफ्टन इलाके में स्थित एक लोकप्रिय शॉपिंग मार्ट के बाहर से सशस्त्र व्यक्तियों ने अपहरण कर लिया था। वह करीब 90 मामलों में मुकदमा लड़ रहे हैं। एक मामले में वह कराची बंदरगाह ट्रस्ट के बर्खास्त 700 कर्मचारियों की ओर से पैरवी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ओवैस के अपहरण से पहले दो बड़े नेताओं के बेटे कई साल तक बंधक बने रहने के बाद छूट कर आए हैं। पैरामिलिट्री रेंजरों ने भी ओवैस के अपहरण में शामिल लोगों के बारे में सूचना देने वाले को इनाम देने का ऐलान किया है। साबरी की हत्या के बाद विपक्षी नेताओं, नागरिक अधिकार समूहों और मीडिया ने अक्तूबर 2013 से कराची में शुरू किए गए उग्रवाद निरोधक अभियान पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।