चित्तौडग़ढ़। परिवार कल्याण कार्यक्रम में किस तरह टारगेट पूरा किया जा रहा है ऐसा ही एक मामला भूपालसागर उपखण्ड के आकोला कस्बे में सामने आया है जहां आंगनवाडी की दो कार्मिको ने गर्भवती महिला की गर्भपात के नाम पर नसबंदी करा दी।
हद तो ये हो गई कि चिकित्सको ने भी बगैर जांच किए ही गर्भवती महिला की नसबंदी कर दी। इस मामले में विवाहिता ने न्यायालय में मेरी-स्टाप और आंगनबाड़ी कार्मिकों के विरूद्व इस्तगासा प्रस्तुत किया जिस पर न्यायालय ने भूपालसागर थाना पुलिस को प्रकरण दर्ज कर जांच के आदेश दिए।
प्रकरणानुसार आकोला निवासी पुष्पा देवी पति जगदीश भील उम्र बालिग ने न्यायालय में इस्तगासा प्रस्तुत कर बताया कि करीबन 7 माह पूर्व आकोला गडरीयावास की आंगनवाडी की प्रेमलता खटीक व गीता रेगर निवासी आकोला दोनो मेरे घर पर आई और उन्होने मुझे नसबन्दी आपरेशन करने को कहा।
जिस पर मैने दोनो को बताया कि मेरे पेट में 2 माह का गर्भ है, मैं नसबन्दी नहीं कराना चाहती हूं मुझे गर्भपात करवाना है क्योंकि मेरे दो लडक़े है और मैं आगे संतान नहीं चाहती हूं। जिस पर प्रेमलता व गीता ने मेरे को विश्वास में लेकर नसबंदी न कर सुरक्षित गर्भपात कराने की बात कही।
मुझे 7 दिसम्बर 2015 को भूपालसागर के अस्पताल में ले जाकर उससे कुछ खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवार कर मात्र अपना टारगेट पूरा करने की नियत से धोखे से नसबंदी कर दी। कुछ दिनों बाद परिवादीया को अपने पेट में गर्भ होना महसूस हुआ तो परिवादीया ने निजी चिकित्सालय में जाकर जांच करवाई तो जानकारी मिली कि उसके पेट में गर्भ पल रहा है।
परिवादीया के इस्तगासे को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ अपराध धारा 120 बी, 420, 328, 336, 337, 338 आईपीसी में प्रकरण दर्ज कर परिवादीया का मेडिकल करवाकर जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने हेतु थानाधिकारी को निर्देश प्रदान किए जिस पर पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच प्रारंभ कर दी है।