मुंबई। कंपनी के प्रमोटर्स इसके लिए अपनी रेंटल इकाई डीएलएफ सायबर सिटी डेवलपर्स (डीडीसीएल) में अपनी 40 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे। इससे करीब 12,000 से 14,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
टैक्स और बाकी खर्चों के बाद प्रमोटर्स 10,000 करोड़ रुपए का निवेश फिर से कंपनी को कर्ज मुक्त बनाने के लिए करेंगे। इसके साथ ही कंपनी संस्थागत निवेशकों से 3,000 करोड़ उठाएगी।
मार्च 2016 तक कंपनी पर 25,623 करोड़ रुपए का कर्ज था। वहीं, दिसंबर 2015 में यह कर्ज 21,411 करोड़ रुपए था। इसमें 430 करोड़ रुपए की वह भी राशि शामिल है जिसका भुगतान फाइनेंशियल ईयर 2016 के लिए अंतरिम डिविडेंड के तौर पर किया गया था।
वहीं, डीएलएफ के रेजिडेंशियल कारोबार पर 8000-8500 करोड़ रुपए का कर्ज है। बाजार के हालात को देखते हुए रेजिडेंशियल कारोबार का कर्ज जरूर ज्यादा है। कंपनी के कुल कर्ज में रेंटल बिजनेस से जुड़ा 14000 करोड़ रुपए का कर्ज है।
डीडीसीएल के 40 फीसदी शेयर बेचने की डील अगस्त महीने के अंत या सितंबर के पहले हफ्ते में पूरी होने की उम्मीद है। डीडीसीएल की कुल इक्विटी वैल्यू करीब 30,000 करोड़ रुपए की है। ऐसे में प्रमोटर्स इसकी 40 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 12,000 से 14,000 हजार मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
जीआईसी सिंगापुर, अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, कतर निवेश प्राधिकरण, कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड, ब्लैकस्टोन ग्रुप जैसे पेंशन और इन्वेस्टमेंट फॉर्म ने डीडीसीएल के शेयर खरीदने के लिए बोली लगाई है।