नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोहिनूर हीरे को मामले को गंभीर बताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर किसी ठोस सुझाव के साथ कोर्ट में आना चाहिए।
कोर्ट ने बंगाल हेरिटेज की तरफ से याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। इसके साथ ही कोर्ट ने इस नई याचिका को पहले वाली याचिका के साथ जोड़ दिया। मामले की सुनवाई जुलाई में होगी।
बंगाल हेरिटेज की तरफ से याचिका में कहा गया है कि कोहिनूर हीरे को महाराजा दिलीप सिंह ने ईस्ट इंडिया कंपनी को गिफ्ट नहीं किया था, बल्कि उन्हें इसे देने के लिए विवश किया गया था।
कोहिनूर से संबंधित पुराने कागजात भी यही बताते हैं। इसलिए केंद्र सरकार को इस मु्द्दे पर अंतराष्ट्रीय फोरम जाना चाहिए और कोहिनूर को वापस लाना चाहिए।
गौरतलब है कि कोहिनूर हीरा अपने आकार और खूबसूरती को लेकर दुनियाभर में दिलचस्पी का केंद्र रहा है। इसे सबसे बड़ा हीरा माना जाता है। मुगल बादशाह शाहजहां और पंजाब के शासक रंजीत सिंह के पास भी ये हीरा रहा।
माना जाता है कि करीब 800 साल पहले 105 कैरेट का यह हीरा भारत के खदान से निकला था और अंग्रेजी राज के दौरान इसे तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट में दिया गया। फिलहाल यह एलिजाबेथ की मां के मुकुट में सजा हुआ है।