टोरंटो। कनाडा के सिख समुदाय की प्रतिष्ठित शख्सियत और द्वितीय विश्वयुद्ध युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देने वाले भारतीय सेना के पूर्व ले. कर्नल 95 वर्षीय प्रीतम सिंह जौहल का निधन हो गया।
उन्होंने कनाडा की सेना में सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी और अंतत: जीत हासिल की। ‘द ग्लोब’ और ‘मेल’ अखबार ने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीतम सिंह जौहल की बेटी के हवाले से बताया कि सरे में उनका निधन हो गया।
जौहल ने 38 साल तक भारतीय सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सेवाएं दीं और लेफ्टिनेंट-कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद वह अपने बच्चों के साथ 1980 में कनाडा चले गए।
जौहल 1993 में तब खबरों में आए थे जब उन्हें स्मृति दिवस पर न्यूटन लीजन में प्रवेश से रोका गया था। उस समय पगड़ीधारी सिखों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
इसके बाद उन्होंने रॉयल कनाडा लेजियन में सिखों को पगड़ी पहनने की मंजूरी दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया। यह कनाडा में पूर्व सैनिकों का सबसे बड़ा संगठन है। जौहल का जन्म पंजाब के जालंधर जिले के किसान परिवार में हुआ था।