चीन की सैन्य ताकत भारत से कमजोर: महाशक्तियों में शुमार चीन की सैन्य ताकत भारतके मुकाबले कमजोर है। सैनिकों की संख्या के मामले में भारत चीन से काफी आगे है। चीन ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी अपनी सेना के बारे व्हाइट पेपर जारी किया है।
चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ताजा रिपोर्ट में चीन के सभी सुरक्षा बलों के सैनिकों की संख्या की संख्या बताई गई है। भारत के पास 11 लाख 29 हजार 900 एक्टिव और 9 लाख 60 हजार रिजर्व सैनिक हैं जबकि चीन के पास केवल 8.5 लाख थल सैनिक हैं।
चीन ने अपनी ताकत बताकर भारत नहीं अमरीका को निशाने पर लिया है। नौसेना और वायु सेना के मामले में चीन भारत से ज्यादा ताकतवर है। चीन के पास 2.35 लाख नौसैनिक हैं जबकि भारत के पास केवल 58 हजार 350 सैनिक हैं। इसी तरह वायुसेना के मामले में भी चीन बाजी मारता है।
चीनी वायुसेना में जहां 3 लाख 98 हजार सैनिकों की क्षमता रखती है वहीं भारत के पास केवल 1 लाख 27 हजार सैनिक हैं। इस तरह चीन के पास थल, जल और नभ सेना को मिलाकर 14.83 लाख की ताकतवर सेना है। भारतीय सेनाओं के एक्टिव और रिजर्व सैनिकों को जोड़ दें तो देश की कुल सैन्य संख्या 22.74 लाख ठहरती है।
अभी हाल ही में भारत ने म्यांमार बॉर्डर के अन्दर घुसकर जिस तरह से आतंकवादियों का सफाया किया हैं उसके बाद पूरा का पूरा पाकिस्तान भारत के विरोध में बयान बाजी कर रहा हैं, पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने तो यहाँ तक कह दिया कि हमनें चूड़ियाँ नहीं पहन रखी हैं, भारत को बर्बाद करके रख देंगे।
पूर्व सैन्य तानाशाह ने नसीहत देते हुए कहा हैं कि क्या हमनें परमाणु मिसाइल सबे-बरात के लिए बना कर रखी है। पूरे पकिस्तान की तरफ से आये इन बयानों के बाद हमनें सोचा चलो पता करते हैं कि भारत को धमकी देने वाले पकिस्तान में हैं कितना दम जिसकी दम पर वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति को धमकी देने चला है?
पाकिस्तानी सेना का सर्वे
पाकिस्तान की सेना में मात्र 6 लाख 17 हजार सैनिक ही हैं और इनमें अगर हम रिजर्व बल और पैरामिलेट्री को भी शामिल कर देतें हैं तो यह संख्या पहुँच जाएगी 14,34000…पाकिस्तान के पास 500 अलखरीद युद्धक टैंक, 320 टी80 टैंक, 1300 अलजरार टैंक, टाइप 82-2 और टाइप 69-2 टैंक, 345 एम48 ए5 अमरीका में बनें टैंक हैं और 50 टी-54/55 टैंक हैं।
पाकिस्तानी सेना के पास 203 और 155 एमएम की हात्जिर गन्स, 92 बहुउपयोगी लांच रॉकेट सिस्टम और 3500 आर्टिलरी हैं।इसके अलावा पाकिस्तान के पास 20,850 बख्तर-शिकन एंटी-टैंक मिसाइल्स और 10,000 से ज्यादा अन्य एंटी-टैंक मिसाइल्स हैं। बैलिस्टिक मिसाइल्स में पाक के पास हत्फ, अब्दली और नसर मिसाइल्स हैं। शार्ट-रेंज मिसाइल्स में गजनवी और अब्दली-2 मिसाइल्स हैं। मध्यम दूरी की गौरी और शाहीन मिसाइल्स भी पाक के हथियारों में हैं।
भारतीय सेना की सैन्य क्षमता
जहां पाकिस्तानी सेना के पास 6,17,000 सैनिक और अधिकारी हैं वहीँ भारत के पास 13,25,000 सैनिक जवान और अधिकारी हैं I यदि इसमें रिजर्व और पैरामिलिट्री फोर्सेज को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 47,68,407 होगी। देश की सेना में 30 रेजिमेंट और 63 सशस्त्र रेजिमेंट्स हैं जो 7 ऑपरेशनल कमांड्स और तीन प्रकार की सेनाओं में 37 डिवीजंस में फैली है।
भारतीय सेना की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सेना के पास 2414 टी-72 युद्धक टैंक, 807 टी-90 टैंक, 248 अर्जुन एमके-2 टैंक हैं। इसके अलावा 550 टी-55 टैंक भी हैं। 807 पिनाका और 150 से ज्यादा बीएम-21 बहुउपयोगी रॉकेट लांचर्स हैं। एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल्स में भारत के पास 443 नाग, 30000 मिलन, 4100 मिलन 2टी और 15000 9एम113 कोंक्रूज मिसाइल्स हैं। इतना ही नहीं कोरेंट, फगोट, शत्रुम, अताका-वी, मल्युक्त और फालंका जैसी हजारों एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल्स हैं। पृथ्वी, सूर्या, अग्नि ब्रह्मोस बैलेस्टि मिसाइल्स की पूरी रेंज है।
पाक की वायुसेना भी भारत की आधी
पाकिस्तान की वायुसेना में भी भारत का आधा दम भी नहीं है। पाक वायु सेना में 65000 सक्रिय सैनिक और 530 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं जो 9 एयरबेस से संचालित होते हैं। पाक के पास अमरीका, चीन और फ्रांस में बने युद्धक विमान हैं जिनमें एफ-16 फाइटिंग फाल्कन, जेएफ-17 थंडर और डासउल्ट मिराज रोज-2 फाइटर्स हैं। ट्रांसपोर्ट एॅयरक्राफ्ट्स में लॉकहीड मार्टिन सी-130 और एयरबस ए310 जैसे बड़े विमान हैं। हालांकि पाक वायु सेना के पास कोई टोही विमान नहीं है। इसके अलावा पाक के पास 120 चैंग्डू एफ-7पी और 60 एफ-7पीजी फाइटर प्लेन हैं। 150 मिराज फाइटर्स, 30 जेएफ -17 थंडर फाइटर्स, 54 एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन और 36 चैंग्डू एफसी-20 फाइटर प्लेंस हैं।
पाक की वायुसेना भी भारत की आधी
पाकिस्तान की वायुसेना में भी भारत का आधा दम भी नहीं है। पाक वायु सेना में 65000 सक्रिय सैनिक और 530 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं जो 9 एयरबेस से संचालित होते हैं। पाक के पास अमरीका, चीन और फ्रांस में बने युद्धक विमान हैं जिनमें एफ-16 फाइटिंग फाल्कन, जेएफ-17 थंडर और डासउल्ट मिराज रोज-2 फाइटर्स हैं। ट्रांसपोर्ट एॅयरक्राफ्ट्स में लॉकहीड मार्टिन सी-130 और एयरबस ए310 जैसे बड़े विमान हैं। हालांकि पाक वायु सेना के पास कोई टोही विमान नहीं है। इसके अलावा पाक के पास 120 चैंग्डू एफ-7पी और 60 एफ-7पीजी फाइटर प्लेन हैं। 150 मिराज फाइटर्स, 30 जेएफ -17 थंडर फाइटर्स, 54 एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन और 36 चैंग्डू एफसी-20 फाइटर प्लेंस हैं।
पाक से कई गुनी बड़ी है भारतीय वायुसेना
किसी भी लिहाज से देखें, भारतीय वायुसेना पूरे पाकिस्तान को घेर सकती है। गौर फरमाइए इन आंकड़ो पर। भारत के पास 127000 कर्मचारी और 1500 एयरक्राफ्ट्स हैं। 2012 के इन आकड़ों से भारत दुनिया की चौथी बड़ी एयरफोर्स है। देश के पास रूस और फ्रांस निर्मित मिग-29, डसाउल्ट मिराज और सुखोई फाइटर प्लेंस हैं। इनमें 146 सुखोई सु-30 एमकेआई फाटर्स को मिलाकर 272 विमान हैं। भारत के पास 68 मिग-29 और 51 मिराज 2000एच फाइटर प्लेंस हैं। भारत ने हाल ही में 126 डसाउल्ट रफेल मल्टी-रोल फाइटर प्लेंस का आर्डर किया है। देश ने 48 तेजस फाइटर प्लेंस के लिए भी आर्डर दे दिया है। इनके अलावा कई तकनीकों से लैस सैंकड़ों फाइटर प्लेंस भारतीय वायुसेना के जखीरे में हैं…
पाक की नौसेना मे ज्यादा कुछ नहीं
1971 में भारत के साथ युद्ध के बाद पाकिस्तान ने अपनी नौसेना को 1980 तक दुगुना कर लिया। इसके पीछे अमरीकी राष्ट्रपति रोनॉल्ड रिगन द्वारा दी गई 3.2 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद थी। फिलहाल पाक के पास 11 युद्धक और विध्वंसक पोत, 8 पनडुब्बी, 8 तेजी से हमला करने वाले क्रॉफ्ट्स (भूमि और जल पर चलने वाली नावें), 4 मल्टी रोल टैक्टिकल क्रॉफ्ट्स, 3 माइन हंटर्स, 8 जहाज, 12 होवर क्रॉफ्ट्स ओर 17 गश्ती नावें हैं।
नौसेना में भी भारत का पलड़ा तिगुना भारी
भारत की नौसेना पाकिस्तान की नौसेना की तुलना में तिगुनी है। भारतीय नौसेना के पास एक एयरक्रॉफ्ट कैरियर, 16 जल-थल में चलने वाले युद्धक पोत, 31 गश्ती पोत, 8 माइनवीपर्स, एक परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बी, 8 गाइडेड मिसाइल विध्वसंक पोत, 15 गाइडेड मिसाइल युद्धक पोत, 24 कर्वटिज, 14 डीजल-इलैक्ट्रिक हमलावर पनडुब्बी और 18 सहायक जहाजों का बेड़ा है। भारतीय नौसेना विशाखापट्टनम, मुंबई, गोवा और अंडमान-निकोबार द्वीप से संचालन करती है। हिन्द महासागर में भारतीय नौसेना को लड़ने और शांतिकायम करने का तगड़ा अनुभव है।
कड़े सुरक्षा व्यवस्था
घुसपैठ की बढ़ती घटना और सीमा पर हो रहे हमले से निपटने के लिए भारत ने कड़े कदम उठाते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़े करने के नियम बना रही है। इसके तहत भारतीय सेना हमलों के तुरंत जवाब देने के लिए अपनी रणनीति में फेरबदल कर उसे और धारदार बनाने में जुटी है। सेना थार के रेगिस्तान में कड़ा अभ्यास करती रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सेना के इस अभ्यास को ‘शत्रुजीत’ नाम दिया गया है जिसमें मथुरा की 1 कोर के जवान हिस्सा लिए।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस अभ्यास के जरिए न्यूक्लियर, जैविक और रसायनिक युद्धक्षेत्र जैसे माहौल का निर्माण किया गया है जिससे भारतीय सेना ऐसे हर हालात के लिए हमेशा तैयार रहे। सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों का बचकाना इस्तेमाल कर सकता है लेकिन भारत की नीति स्पष्ट है। हम परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे। थल सेना अध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग इस अभियान का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान सेना के साथ एयरफोर्स भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रही है।
सरकार इजाजत दे तो सेना हर तरह के ऑपरेशन के लिए तैयार : सेना प्रमुख
हमे अपनी सैन्य शक्ति पर गर्व है, जो देश की आवश्यकता के अनुसार सदैव तैयार रहता है।आवश्यकता है तो केवल आदेश मात्र की । सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने कहा है कि सेना हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। सेना प्रमुख ने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सेना देश सामने आने वाले सभी तरह के खतरों से निपटने और देश की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस सवाल पर कि क्या पाकिस्तान में जैश और लश्कर के खिलाफ कवर्ट ऑपरेशन के लिए सेना तैयार है, आर्मी चीफ ने कहा कि सेना हर तरह के ऑपरेशन के लिए तैयार है। पठानकोट हमले पर जनरल सुहाग ने कहा कि ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा था। हालांकि इससे सबक सीखा गया है। एनआईए मामले की जांच कर रही है और हम हर पहलू को देखेंगे। पठानकोट हमले पर जनरल ने कहा कि वेस्टर्न आर्मी कमांडर पूरे ऑपरेशन की देखरेख कर रहे थे।
ऑपरेशन में सेना की टुकड़ी, एनएसजी, गरुड़, इंटेलीजेंस एजेंसी और पुलिस लगी हुई थी। पठानकोट हमले पर पाकिस्तान या पाक सेना का हाथ होने के सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा कि सभी सबूत पाक के साथ साझा किए गए हैं। मैंने दवाएं, उपकरण देखें हैं जिन पर पाकिस्तान के निशान हैं। साफ है कि आतंकी पाकिस्तान से आए हैं। वो क्या कार्रवाई करते हैं, ये देखना है। उन्होंने कहा कि सीमा पर बहुस्तरीय संसाधन बनाने की जरूरत है। घुसपैठियों को सीमा पार करने से रोका जाना चाहिए और अगर ऐसा हो भी जाता है तो तुरंत निपटा जाना चाहिए।
डा. राधेश्याम द्विवेदी