भोपाल। पिछले सप्ताह हुए अपहरण और उसके बाद मिली गोविंद मीणा की लाश के मामले में खुलासा हो गया है। इस पूरे कांड में गोविंद मीणा के दोस्त राधेश्याम का हाथ बताया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने राधेश्याम के दो दोस्तों को गिरफ्तार कर पुछताछ शुरू की तो चौकानें वाली कहानी सामने आई है।
पुलिस के मुताबिक यह पूरा मामला प्यार का है। दरअसल, हत्यारे राधेश्याम की जिंदगी में कोई दोस्त नहीं था। खुद अनपढ़ था, लेकिन तलाश पढ़े-लिखे साथी के लिए जारी थी। इसीलिए फेसबुक अकाउंट बनाया। एक दोस्त को राजी किया कि फेसबुक पर जिस प्रोफाइल को वह पसंद करे, वहां इंग्लिश में कुछ अच्छे कमेंट लिखे।
दोस्त ने दोस्ती निभाई। नतीजे में नर्सिंग छात्रा से चैटिंग होने लगी। लेकिन एक ट्रेवल्स कंपनी का जाहिल बस कंडक्टर निकला तो लड़की से रिश्ता टूट गया। इसके बाद छात्रा की अपने सहपाठी गोविंद से दोस्ती हो गई, यह बात उसे ऐसी अखरी कि गोविंद का खून कर दिया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि इससे पहले बैतूल निवासी राधेश्याम ने तीन साल पहले एक गुड़ से लोड ट्रक चुराने के बाद जेल काटी। फिर भोपाल आ गया।
मिसरोद के फन सिटी के पास अपने तीन दोस्त देवेन्द्र ढिंढोरे, जीतेन्द्र अमृते और लालू उर्फ शिवपाल के साथ रहता था। जिनमें से पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर लिया है। राधेश्याम और जीतू अभी फरार हैं।