नई दिल्ली। सुखोई का 5वीं जनरेशन का लड़ाकू विमान बहुत जल्द भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने वाला है। भारत और रूस एक साथ मिलकर ‘सुपर सुखोई’ का निर्माण करेंगे।
सुखोई लड़ाकू विमान का यह संस्करण पहले के मुकाबले ज्यादा ताकतवर होगा जो दुश्मनों को धूल चटाने में अहम भूमिका निभाएगा।
भारत और रूस के बीच यह परियोजना काफी समय से लंबित है। इस समझौते पर जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत का यह सुपर सुखोई बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ और युद्ध के दौरान ज्यादा से ज्यादा हथियार ले जाने में सक्षम होगा।
केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया कि देश में सुखोई की उपयोगिता 60 फीसदी तक बढ़ गई है, जबकि यह पहले 46 फीसदी ही थी।
उन्होंने कहा कि सुखोई की उपयोगिता को 75 फीसदी तक बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। सुखोई को बेहतर बनाने के लिए रूस, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स और भारतीय वायुसेना मिलकर काम करेंगे। इस साल के अंत तक तकनीकी जरूरतों को पूरा कर लिया जाएगा।