भोपाल। राजाधनी सहित पूरे प्रदेश में बीते एक सप्ताह से हो रही जोरदार बारिश ने पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के एक दर्जन जिले बाढ़ की चपेट में है।
यहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ और होमगार्ड के जवान वोटों की मदद से सहायता कर रहे हैं। मप्र में अब तक मरने वालों का आकड़ा 26 से ज्यादा हो चुका है।
मंगलवार को राजधानी में सुबह से बारिश का सिलसिला फिर शुरू हो गया जिससे खतरा अभी बरकरार है। चौबीस घंटे से लगातार बारिश से विदिशा में बेतवा नदी पर बना पुल बह गया जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं होशंगाबाद में भी रही बारिश से नर्मदा का जल लगातार बढ़ रहा है जिससे निचले इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं माौसम विभाग ने आने वाले चौबीस घंटे के दौरान मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में जोरदार बारिश होने की संभावना जताई है। जिससे प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने को कहा गया है।
मौसम केंद्र ने मंगलवार को उज्जैन, होशंगाबाद, सीहोर, बैतूल, रायसेन और इंदौर में भारी बारिश की चेतावनी दी है। बाढ़ एवं बारिश की वजह से हुए हादसों में प्रदेश में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। एक जून से 11 जुलाई तक हुई वर्षा के आधार पर 33 जिलों में सामान्य से अधिक, 12 में सामान्य और 6 जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है।
अधिक वर्षा
जबलपुर, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, रीवा, सीधी, सतना, उमरिया, धार, खंडवा, उज्जैन, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, मंदसौर, देवास, शाजापुर, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, बैतूल, टीकमगढ़ और इंदौर में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है।
सामान्य वर्षा
इसी तरह बालाघाट, डिंडोरी, सिंगरौली, शहडोल, अलीराजपुर, नीमच, रतलाम, आगर, श्योपुरकला, भिण्ड, ग्वालियर और दतिया में सामान्य वर्षा हुई है।