जयपुर। प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को स्वयं का रोजगार शुरू करवाने के लिए उदेश्य से शुरू हुई राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना प्रदेश में फेल साबित हो रहा है।प्रदेश की नगरीय निकायों में इसके लिए आवेदन तो बड़ी सं या में आ रहे है, लेकिन उनमें से निस्तारण 5 फीसदी भी नहीं हो रहा। ये बात निकायों की रिव्यू बैठक में सामने आ रही है।
मंगलवार को स्वायत्त शासन निदेशालय में 10 शहरों के रिव्यू किए, जिसमें बताया कि अब तक केवल 2545 व्यक्तियों के ही आवेदनों का निस्तारण कर उन्हे रोजगार के लिए बैंकों से लोन दिलवा पाए है।
निदेशालय के निदेशक पुरूषोत्तम बियाणी ने बैठक में मौजूद तमाम अधिकारियों को इस संदर्भ में तीव्र गति से काम करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा बैठक में राजस्थान संपत्ति विरूपण अधिनियम, स्वच्छ भारत मिशन, एल.ई.डी. लाईट प्रोजेक्ट एवं अमृत योजना की भी समीक्षा हुई।
प्रोपर्टी सर्वे का काम तेज करने के निर्देश
बैठक में स्मार्ट राज योजना की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि सभी निकायों में प्रापर्टी सर्वे का काम शुरू हो गया है। कार्य धीमी गति से होने पर बियाणी ने सभी को काम की गति तेज करने के निर्देश दिए, ताकि प्रोपर्टी का रिकॉर्ड तैयार हो सके और उसे निकायों के वैब पोर्टल पर अपलोड कर सकें। उन्होने निकायों को निर्देश दिए कि वे प्रोपर्टी सर्वे के आवेदनों की गहनता से जांच करें, उसके बाद ही वेबसाईट पर अपलोड करें।