सबगुरु न्यूज-सिरोही। राज्य सरकार की ओर से जिले के नगर निकायों में मनोनीत किए गए पार्षदों की योग्यता को लेकर सवालिया निशान लगने लगे हैं। खुद भाजपाई ही इन पार्षदों की योग्यता को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
आबूरोड, माउण्ट आबू, सिरोही, शिवगंज में तो बाकायदा सोशल मीडिया पर बहस चल पड़ी है। इधर, कांग्रेस ने तो शिवगंज में मनोनीत किए गए पार्षदों की शेक्षणिक योग्यता को लेकर स्वायत्त शासन विभाग के वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी को ज्ञापन प्रेषित करके दो मनोनीत पार्षदों की सदस्यता समाप्त करने तथा शेष दो की पात्रता की जांच करवाने की मांग की है।
शिवगंज के पार्षदों की ओर से भेजे गए ज्ञापन में बताया गया है कि ओर से भेजे गए ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2015 में 21 जुलाई 2015 को संशोधन किया गया था। इसके अनुसार नगर पालिका के किसी भी सदस्य का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान या समकक्ष किसी बोर्ड से माध्यमिक शिक्षा परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया था।
इसमें शिवगंज के मनोनीत पार्षद कपूराराम मीना व जसवंत कंडारा की टीसी संलग्न करते हुए आरोप लगाया है कि इन्होंने माध्यमिक शिक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। इसी तरह शेष दो सदस्यों की पात्रता पर भी सवालिया निशान लगाया है। नेता प्रतिपक्ष समेत पार्षद फैंसीदेवी, प्रकाशराज मीना, महेन्द्र वाघेला, अल्पेश, पुष्पादेवी ने दो अयोग्य पार्षदों की सदस्यता समाप्त करने तथा शेष दो की पात्रता की जांच करने की मांग की है।
-भाजपाई भी उतरे विरोध में
सिरोही जिले की नगर निकायों के सहवृत पार्षदों की नियुक्ति के लिए कई भाजपाई आस लगाए बैठे थे। इसके लिए कई अपनी दावेदारी को पुख्ता करने के लिए स्थानीय नेताओं की चाटुकारिता करते दिखे तो कुछ महिमामंडन करते दिखे। जैसे ही मनोनीत पार्षदों की सूची सार्वजनिक हुई तो भाजपा में भी इन मनोनीत पार्षदों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर खुद भाजपा के कार्यकर्ता ही सवालिया निशान लगाने लगे। कुछ सहवृत पार्षद के रूप में नियुक्ति नहीं होने पर चाटुकारिता भूलकर तुरंत ही अपनी निष्ठाएं बदलने से भी बाज नहीं आए। फेसबुक और व्हाट्स एप पर इसे लेकर चर्चाएं गर्म हैं।