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केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया की ढूंढ़ी जा रही काट : राजाराम पाल

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केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया की ढूंढ़ी जा रही काट : राजाराम पाल
Minister of State Health and Family Welfare anupriya patel
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कानपुर। करो या मरो की स्थित में जूझ रही कांग्रेस को पीके से ही सहारा दिख रहा है। कांग्रेस के इस विश्वास में पीके एण्ड कंपनी वो सभी अस्त्र फेंक रही है जिससे पुराने दिन आ सके।

रणनीति के तहत कुर्मी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए व भाजपा के सहयोगी दल से मंत्री बनी शहर की बेटी अनुप्रिया पटेल की काट के लिए पीके ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल को आगे कर सकते है। वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजाराम पाल ने भी इस बात की संभावना व्यक्त की है।

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए लगभग सभी पार्टियां कमर कस रहीं है। जिसके चलते स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों पर मंथन चल रहा है। तो वहीं सबसे ज्यादा जातीय समीकरण पर पार्टियां ध्यान दे रहीं है।

इसी के चलते कम राजनीतिक अनुभव रखने वाली व मां से मतभेदों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने अनुप्रिया पटेल को केन्द्रीय मंत्री बनाया। बताते चलें उत्तर प्रदेश में यादवों के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग में सबसे ज्यादा कुर्मी बिरादरी के मतदाता है।

भाजपा द्वारा अनुप्रिया के रूप में फेंके गए अस्त्र को कुंद करने के लिए प्रशान्त किशोर की टीम ने मंथन शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि गुजरात सरकार व पीएम नरेन्द्र मोदी के नाक में दम करने वाले युवा नेता हार्दिक पटेल से पीके वार्ता कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही जयपुर में पीके की टीम हार्दिक से मुलाकात करने वाली है।

वहीं कुर्मी मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करने के लिए टीम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी लगभग अपने पाले में करने में सफल हो चुकी है। जब केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से पूछा गया कि कांग्रेस नीतीश, हार्दिक को आगे करना चाहती है। तो उन्होंने कहा कि बाहरी नेताओं के झासें में उत्तर प्रदेश का कुर्मी मतदाता आने वाला नहीं है।

उत्तर प्रदेश में अपना दल व भाजपा का गठबंधन बना रहेगा और यहां का कुर्मी मतदाता एनडीए के पक्ष में ही मतदान करेगा। तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजाराम पाल का कहना है कि हार्दिक से हमारे रणनीतिकार बात कर रहें है। उम्मीद है कि हार्दिक के आने से उत्तर प्रदेश में पार्टी की स्थित और मजबूत होगी।

कुर्मियों का उभरता हुआ चेहरा है हार्दिक

गुजरात में पाटीदार के लिए आरक्षण की लड़ाई लड़ने वाला हार्दिक पटेल महज 22 वर्ष की उम्र में वह कर दिखाया। जो शायद ही कोई कर सकता है। बताते चलें कि गुजरात के राजनीतिक इतिहास में हार्दिक पहले ऐसे शख्स है जो रैली में 20 लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटाने में सफल रहे।

165 सीटों पर कुर्मियों का है प्रभाव

पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर पूरे उत्तर प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर कुर्मी बिरादरी का प्रभाव है। कानपुर, बुन्देलखण्ड, बरेली, लखनऊ, फतेहपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, देवरिया आदि जनपदों की लगभग 165 सीटों पर उलटफेर करने में सक्षम है। तो वहीं 38 सीटे ऐसी है जहां पर 40 हजार से अधिक कुर्मी मतदाता है।