इटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व पर्यटन मंत्री पेमा खांडू को रविवार को राज्य के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में अरुणाचल के कार्यकारी राज्यपाल तथागता रॉय ने राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। खांडू के साथ पूर्व मंत्री चोना मेन को भी उप मुख्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
शनिवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नाबाम तुकी ने एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद कांग्रेस के दोनों धड़े (कालिखो पुल वाला बागी धड़ा) और दो निर्दलीय समेत कुल 47 विधायकों के समर्थन से तावांग जिले के मुक्तो विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक पेमा खांडू को विधायक दल का नेता चुना गया।
नेता चुने जाने के बाद खांडू ने राज्यपाल के पास अपने समर्थन का दावा पेश करते हुए सरकार गठन करने की अपील की। जिसके बाद रविवार को राज्यपाल रॉय ने खांडू और चोना मेन को मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के पद की शपथ दिलाई। 37 वर्षीय खांडू अरुणाचल के पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू के पुत्र हैं।
कांग्रेस पार्टी ने बड़े ही नाटकीय ढंग से राज्य में फिर से अपनी पार्टी की सरकार का गठन करने में सफल हुई। बागी गुट के नेता कालिखो पुल ने दिसबंर में कांग्रेस हाईकमान से राज्य में नबाम तुकी को मुख्यमंत्री पद से हटाकर दूसरे को पदभार देने की मांग की थी, लेकिन हाईकमान ने उनकी बात को अनसुना कर दिया था।
इसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए पीपुल्स पार्टी आफ अरुणाचल और भाजपा के सहयोग से राज्य में नई सरकार का गठन किया था। तुकी ने पुल की सरकार को गैर संवैधिनिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्यपाल के निर्णय को बदलते हुए पूर्व की सरकार (तुकी सरकार) को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था। साथ ही तुकी को अपना बहुमत भी साबित करने को कहा था।
तुकी सरकार के पास बहुमत नहीं था। उन्होंने राज्यपाल से बहुमत साबित करने के लिए 10 दिनों का समय मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने दो दिन में बहुमत साबित करने को कहा। बीते कल तुकी सरकार को अपना बहुमत साबित करना था। कांग्रेस पार्टी को लगा कि तुकी अगर बहुमत साबित करने जाते हैं, तो सरकार उनके हाथ से निकल जाएगी।
इसलिए एक रणनीति के तहत तुकी से इस्तीफा ले लिया तथा नए नेता के रूप में पेमा खांडू को आगे कर दिया। इस तरह से कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार बचाने के लिए तथा बहुमत साबित करने के लिए निश्चित अवधि मिल गई।
अब नई सरकार अपने समर्थन में विधायकों को आसानी से पटा लेगी। लेकिन अरुणाचल में पेमा खांडू सरकार के सामने भी सभी विधायकों को मना कर रखने की बड़ी चुनौती है। वे इसमें कितना सफल होते हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा।