वाराणसी। सूबे में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और काबीना मंत्री मो.आजम खां रविवार की अपरान्ह पूरे लाव लश्कर के साथ केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ पहुंचे।
यहां मठ के पीठाधीश्वर और द्यारिकाधीश पुरी के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की। इस दौरान काबीना मंत्री ने पिछले वर्ष सितंबर में गोदौलिया चौराहे पर अनशनरत संतो व बटुकों पर हुए लाठी चार्ज को लेकर भी बातचीत की।
आजम खां ने स्वामीश्री को इस दौरान कहा कि लाठीचार्ज कानून व्यवस्था के लिए बताया और अपना बचाव करते हुए लाठीचार्ज का मैं व्यक्तिगत रूप से दोषी नहीं हूं। एक हिन्दू भी कह दें कि उसे मुझसे तकलीफ हुई है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
विषय बदलते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंत्री से सवाल किया कि व्यक्तिगत रूप से गंगा के लिए क्या करेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि गंगा जीवन दायिनी है और उसे वही रूप देने का प्रयास किया जाएगा। मठ में क्या छोड़कर जाएंगे के सवाल पर कहा कि गरीबी।
इस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि गरीबी धन से नहीं सद्विचारों की कमी से होती है। विचारों की गरीबी यहां छोड़कर जाएं और सद्गुणी बनें। इस दौरान महामण्डलेश्वर सन्तोष दास सतुआ बाबा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष शकील अहमद बबलू, पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचण्डी, रीबू श्रीवास्तव आदि भी मौजूद थे।
यह मुलाकात लाठीचार्ज का जख्म नहीं भर सकता
मठ से काबीना मंत्री आजम खां के जाने के बाद मीडिया से रूबरू स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह मुलाकात हमारे उस जख्म पर कोई मरहम नहीं। जख्म तो भर रहा है और समय के मरहम से भर रहा है।