बीजिंग। चीन का पहला अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग-1 धरती की तरफ बढ़ रहा है और यदि इस पर दोबारा नियंत्रण हासिल नहीं किया गया, तो यह भविष्य में धरती पर गिर भी सकता है।
इस अंतरिक्ष स्टेशन को चीन ने वर्ष 2011 में स्थापित किया गया था और चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने इसकी काम करने की अवधि दो वर्ष बताई थी। कुछ अंतरिक्ष विज्ञानियों ने दावा किया है कि चीन ने ‘तियांगोंग-1’ से नियंत्रण खो दिया है और यह इस साल के अंत तक इस स्टेशन के कुछ हिस्से धरती पर गिर सकते हैं।
वहीं, कुछ अन्य वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष स्टेशन के धरती पर गिरने से पहले अंतिम समय तक चीन ‘तियांगोंग-1’ पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करेगा। यही वजह है कि उसने फिलहाल इस मामले में चुप्पी साध रखी है।
तियांगोंग-1 स्टेशन को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था। यह धरती से 350 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगा रहा था। अनुभवी सेटेलाइट ट्रैकर और अंतरिक्ष विज्ञानी थॉमस डोरमेन ने दावा किया है कि चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘तियांगोंग-1’ से अपना निंयत्रण खो दिया है।
उसे पता नहीं है कि इस समय यह स्पेस स्टेशन धरती की कक्षा में कहां है। इससे पहले चीन की सरकार ने मार्च में बताया था कि ‘तियांगोंग-1’ ने डाटा जुटाना बंद कर दिया है। डोरमेन का कहना है कि चीन अंतिम समय तक इस स्पेस स्टेशन पर दोबारा काबू पाने का प्रयास करेगा। यही वजह है कि उसने स्टेशन का नियंत्रण खोने की बात सार्वजनिक नहीं की है।
चीन के ‘तियांगोंग-1’ अंतरिक्ष स्टेशन का वजन लगभग 8.5 टन है। यह 34 फीट लंबा और लगभग 11 फीट चौड़ा है। चीन ने 2012 में ‘तियांगोंग-1’ पर पहली बार तीन अंतरिक्ष यात्रियों से लैस यान रवाना किया था।