लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं पूर्व सह सरकार्यवाह सुरेश रामचंद्र केतकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि अत्यन्त कर्मठ, तपस्वी व निष्ठावान कार्यकर्ता थे।
सरस्वती कुंज निराला नगर में रविवार की शाम को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में होसबोले ने कहा कि अपना काम बहुत ही बारीकी से करते थे। अपने बौद्धिक को पूरा बिन्दुसह लिखते थे और बौद्धिक देने से पहले उसको कंठस्थ कर लेते थे।
सभा में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारी ओैर केतकर आयु लगभग बराबर ही थी। हमारा उनका परिचय पहली बार संघ की शाखा से आया। फिर वो संघ के प्रचारक बन गए और मैं जनसंघ में संगठन मंत्री बना।
लेकिन हमारा उनका मिलना जुलना हमेशा रहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज इस अवसर पर उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हम सब मिलकर उनके संकल्प को सार्थक करेंगे।
इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य मधुभाई ने उनके जीवन के बारे में बताया कि केतकर ने संघकार्य के अतिरिक्त कोई कार्य स्वीकार नहीं किया। कार्य को कैसे गति मिलेगी इसके लिये सदैव प्रेरणा देते रहे।
ऊर्जा से ओतप्रोत केतकर जी पूरे देश के लाखों कार्यकर्ताओं के परिवार के अभिभावक जैसे थे। उनके द्वारा खड़े किए गए हर एक कार्यकर्ता पर उनकी आत्मीयतापूर्ण शैली का प्रभाव था। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के ओर से पूर्व सांसद लालजी टण्डन ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा.मोहन भागवत का श्रद्धांजलि पत्र व गृहमंत्री राजनाथ सिंह का भेजा गया संदेश पढ़ा गया।
सुरेश केतकर मूलतः पुणे के स्वयंसेवक थे। वर्ष 1958 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बनने का निश्चय किया। प्रचारक के रूप में उन्होंने सांगली जिला, सोलापूर जिला और लातूर विभाग में कार्य किया।
सुरेश केतकर ने महाराष्ट्र प्रांत के शारीरिक शिक्षण प्रमुख, तथा क्षेत्र प्रचारक, अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख, अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख पद का दायित्व निभाया।