उदयपुर/अहमदाबाद। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो गर्भ में लिंग की जांच कराने के लिए उदयपुर से गुजरात लोगों को ले जाया करते थे।
इस मामले में पुलिस ने उदयपुर की एक एएनएम तथा अहमदाबाद के निजी अस्पताल के चिकित्सक को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से लिंग जांच के एवज में ली गई हजारों रुपए की राशि तथा बिना एन्ट्री के लिंग जांच करने के दस्तावेज बरामद किए हैं।
लिंग जांच की शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से इस मामले की जांच में जुटा था और लिंग जांच में लिप्त एएनएम निर्मला राठौड़ के अलावा हिम्मतनगर स्थित देवपूजन अस्पताल के डॉ. जितेंद्र शुक्ल को गिरफ्तार कर लिया गया।
एएनएम निर्मला उदयपुर जिले के पडूणा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नियुक्त है। जिसके लिप्तता की शिकायत विभाग को मिलते ही चिकित्सा निदेशक नवीन जैन ने राज्य स्तरीय टीम जांच के लिए गठित की थी।
जांच के लिए गठित टीम रविवार को उदयपुर पहुंची थी और लिंग जांच के लिए एएनएम निर्मला राठौड़ से संपर्क किया। जिसने लिंग जांच कराने के लिए हामी भर दी। इसके बाद टीम में शामिल पूजा कुमावत को एएनएम निर्मला राठौड़ के साथ खेरवाड़ा से हिम्मतनगर भेजा गया।
यह टीम सोमवार सुबह दस बजे हिम्मतनगर स्थित देवपूजन अस्पताल पहुंची, जहां शाम सात बजे लिंग जांच करने का समय दिया गया। शाम सात बजे गर्भवती महिला की देवपूजन अस्पताल के चिकित्सक डॉ. जितेंद्र शुक्ल ने कुछ ही देर में कागजों की पूर्ति किए बिना रजिस्टर्ड सोनाग्राफी सेंटर में लिंग जांच कर दी गई।
डॉ. जितेंद्र ने लिंग जांच में गर्भ में लडक़े के होने की जानकारी दी। तभी इशारा मिलते ही पीसीपीएनडीटी सेल के रघुवीरसिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। डॉ. जितेंद्र शुक्ल से सात हजार रुपए नकद एवं सरकारी एएनएम निर्मला राठौड़ से चौदह हजार रुपए नकद बरामद किए।
इन नोटों की जांच की गई तो पता चला कि उक्त नोट वहीं थे जो पीसीपीएनडीटी सेल के अधिकारियों ने कार्रवाई से पूर्व कैमिकल लगाकर दिए थे। रात बारह बजे तक यह कार्रवाई चलती रही और दोनों को गिरफ्तार कर मंगलवार तडक़े तीन बजे उदयपुर लाया गया।
जांच कार्रवाई में उदयपुर संभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. आरएन बैरवा, पीसीपीएनडीटी समन्वयक मनीषा भटनागर के साथ गुजरात के स्थानीय प्राधिकारी डॉ. जीएच परमान भी थे। इस कार्रवाई में स्थानीय जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने भी पूर्ण सहयोग दिया।
15 साल से करवा रही लिंग जांच का काम
जांच में खुलासा हुआ कि सरकारी एएनएम निर्मला राठौड़ पिछले 15 वर्षों से लिंग जांच का काम करवा रही है। जब से राज्य सरकार ने भ्रूण परीक्षण पर सख्ती बरतनी शुरू की है तब से वह इस काम के ज्यादा पैसे लेने लगी और प्रतिमाह यह महिला पांच से सात महिलाओं का भ्रूण परीक्षण करवाती है।
सोनोग्राफी मशीन ली, तब से यही काम
जांच में यह भी पता चला कि देवपूजन अस्पताल के चिकित्सक डॉ. जितेन्द्र शुक्ल ने जब से सोनोग्राफी मशीन खरीदी, तब से वह लिंग जांच करते रहे। डॉ. जितेंद्र एजेंटों द्वारा ली जाने वाली राशि सीधे अपने बैंक खाते में डलवाते थे, ताकि उन पर किसी को शक ना हो।
डॉक्टर रिमांड पर, दलाल एएनएम को भेजा जेल
राज्य पीसीपीएनडी प्रकोष्ठ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अपराध शाखा प्रभारी विक्रम सिंह चारण ने दोनों आरोपी डॉ. जितेंद्र कुमार शुक्ल व दलाल संविदाकर्मी एएनएम निर्मला माली को अदालत में पेश किया जहां पर पीठासीन अधिकारी ने डॉ. जितेंद्र को 20 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर रखने के आदेश दिए।
रिमांड अवधि के दौरान इस मामले में विस्तृत पूछताछ कर पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा। आरोपी दलाल एएनएम निर्मला चौहान को अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। इसकी ओर से पेश जमानत प्रार्थना पत्र को नामंजूर कर दिया।
प्रदेश में गिरा बालिका अनुपात
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 1000 बालकों पर 888 बालिकाओं का अनुपात पाया गया है। उक्त प्रकरण में लिंग की भ्रुण जांच में एक विशेष संगठित गिरोह काम कर रहा है। इस गिरते लिंगानुपात को देखते हुए इस तरह के प्रकरणों का पर्दाफाश किया जाना अति आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं के भ्रुण परीक्षण के नाम पर हो रहे गोरख धंधे एवं समाज में गिरते हुए लिंगानुपात में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित किया जा सके।