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china's Panchen Lama Gyaltsen Norbu to conduct buddhist ceremony in tibet
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तिब्बत में शुरू हो रही कालचक्र पूजा ने बढ़ाई तिब्बतियों की मुश्किलें

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तिब्बत में शुरू हो रही कालचक्र पूजा ने बढ़ाई तिब्बतियों की मुश्किलें
china's Panchen Lama Gyaltsen Norbu to conduct buddhist ceremony in tibet
china's Panchen Lama Gyaltsen Norbu to conduct buddhist ceremony in tibet
china’s Panchen Lama Gyaltsen Norbu to conduct buddhist ceremony in tibet

धर्मशाला। तिब्बत में 21 से 24 जुलाई तक चीन द्वारा घोषित पंचेन लामा के सान्निध्य में शुरू होने वाली कालचक्र पूजा ने तिब्बत सहित निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

तिब्बत में होने वाली इस पूजा में पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाईना की तरफ जारी आदेशों में हर घर से इस कालच्रक पूजा में परिवार के दो सदस्यों का भाग लेना जरूरी किया गया है।

तिब्बतियों का दर्द यह है कि इस पूजा में धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा घोषित 11वें पंचेन लामा गेधुन चोयकी नीमा की जगह चीन द्वारा घोषित पंचेन लामा ग्यालसन नोरबू मौजूद होंगे। बतौर पंचेन लामा ग्यालसन नोरबू पहली बार तिब्बतियों में सबसे बड़ी पूजा कही जाने वाली कालचक्र पूजा में भाग लेंगे।

चीन सरकार इससे यह साबित करने की कोशिश करेगी कि 21 से 24 जुलाई तक चलने वाली इस पूजा में भाग लेने वाला ग्यालसन नोरबू ही असली पंचेन लामा है।

इस सारे घटनाक्रम से निर्वासन में रह रहे तिब्बती चीन सरकार के इन फरमानों के विरोध में और धर्मगुरु दलाईलामा द्वारा घोषित 11वें पंचेन लामा गेधुन चोयकी नीमा के प्रति अपनी आस्था जताने के लिए वीरवार सुबह मैक्लोडगंज के मुख्य बौद्ध मंदिर परिसर में सुबह 10 बजे उनके चित्र के सामने खतका यानी स्कार्फ भेंट करेंगे।

इस कार्यक्रम का आयोजन तिब्बतन युवा कोंग्रस, तिब्बती वूमेन एसोसिएशन, गू-चू-सूम, एनडीपीटी व स्टूडेंट्स फार फ्री तिब्बत मिलकर करेंगे। इसी दौरान 11वें पंचेन लामा गेधुन चोयकी नीमा की रिहाई की फिर से मांग उठेगी।

उधर चीन सरकार द्वारा घोषित पंचेन लामा ग्यालसन नोरबू के नेतृत्व में आयोजित की जा रही इस कालचक्र पूजा का तिब्बतन युवा कांग्रेस ने विरोध करते हुए इसे झूठा करार दिया है।

तिब्बतन युवा कांग्रेस के अध्यक्ष तेंजिंग जिग्मे ने कहा कि चीन सरकार पिछले 67 वर्षों से तिब्बतियों पर अपनी जोर आजमाईश कर रही है लेकिन वह उनकी धर्मगुरू के प्रति आस्था को नही मिटा पाई। ऐसे में चीन सरकार द्वारा अब जबरदस्ती तिब्बत में रहे रहे तिब्बतियों पर उनके द्वारा घोषित पंचेन लामा को थोपने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है।

तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने गेधुन चोयकी नीमा को 14 मई, 1995 को 11वें पंचेन लामा के रुप में मान्यता दी थी। इसके तीन दिन के बाद ही 17 मई, 1995 से छह वर्षीय गेधुन व उनके परिजन रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हो गए थे।

28 मई 1996 तक तो यह भी पता नहीं चल सका कि गेधुन व उसके परिजन कहां का किसने अपहरण किया, लेकिन जब इस मामले को संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के अधिकारों के लिए गठित कमेटी ने उठाया तो पता चला कि चीन ने उसे बंदी बनाया हुआ है।

इसी बीच चीन सरकार ने 29 नवंबर, 1995 को चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा घोषित कर दिया। वहीं गेधुन चोयकी नीमा इस समय 21 वर्ष के हो चुके हैं, जबकि उन्हें तिब्बती समुदाय में धर्मगुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा गुरु माना जाता है।

चीन में हो रही कालचक्र पूजा का किया विरोध
https://www.sabguru.com/tibetans-condemn-panchen-lama-conferred-kalachakra-puja-by-china/