जयपुर। अब छात्रसंघ चुनाव में भी छात्र- छात्राओं को नोटा का अधिकार मिल सकेगा। छात्रसंघ चुनावों में ‘नन ऑफ दी अबॉव’ (नोटा) के विकल्प पर मतदाता छात्र-छात्रा अपनी मुहर लगा सकेंगे।
प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय में इस साल भी मतदान ईवीएम से नहीं बल्कि मतपत्र के माध्यम से होगा। इसमें प्रत्याशियों के नाम के साथ ही नोटा का भी विकल्प होगा, जो पहली बार इस चुनाव में शामिल किया जाएगा। इस पर विद्यार्थी तब मुहर लगाएंगे जब उनको कोई भी प्रत्याशी सही नहीं लगेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से देश भर के शिक्षा संस्थानों को जारी किए गया यह नियम इसी सेशन से लागू होगा। इस फैसले से छात्र संगठनों के लिए ज्यादा चुनौतियां सामने आएंगी। अब उन्हें मतदाता छात्र-छात्राओं की भावनाओं का खास ख्याल रखना होगा।
यूजीसी ने इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तर्क दिया है। इन चुनावों में छात्र नेताओं के रवैये के चलते कई विद्यार्थी अपने वोट का उपयोग नहीं करते है, लेकिन अब उनके पास नोटा की ताकत होगी।
राजस्थान के कॉलेजों और विश्व विद्यालयों ने इस सुझाव का स्वागत किया है, लेकिन इसे लेकर कोई खास तैयारी सामने नहीं आई है। स्टूडेंट्स इससे खुश हैं।