कटनी। चोरी का इल्जाम लगाकर अस्पताल से भगाई गई गर्भवती ने जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए तालाब की मेढ़ पर शिशु को जन्म दिया। मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली यह घटना कटनी जिले के बरही सासुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की है।
मामला उजागर होने के बाद वरिष्ठ अधिकारी व चिकित्सक बचते नजर आ रहे हैं। जिले मे खुले मे प्रसव की दूसरी घटना है। एक सप्ताह पूर्व जिला चिकित्सालय के दरवाजे मे भी इसी तरह की घटना हुई थी। मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दिए है। यह शर्मनाक घटना प्रदेश के उद्योग राज्य मंत्री संजय पाठक के विधान सभा क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक कुदरई निवासी जानकारी पति चंद्रभान पटेल 22 वर्ष को प्रसव पीड़ा के चलते परिजनों ने मंगलवार की शाम करीब 7.30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही में भर्ती कराया था। उस समय अस्पताल में कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था।
जिस वार्ड में जानकी को भर्ती कराया गया वहां किसी अन्य मरीज के पैसे चोरी हो गए थे। ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स ने जानकी व परिजनों पर चोरी का इल्जाम लगा दिया और चेतावनी दी कि यदि पैसे वापस नहीं लौटाए तो इस अस्पताल में प्रसव नहीं कराया जाएगा।
रात भर दर्द से छटपटाती जानकी की हालत देखकर पति चंद्रभान ने किसी और अस्पताल में जाने का निर्णय लिया। बुधवार की सुबह करीब 9 बजे दंपती पैदल ही अस्पताल से निकल पड़े। कुछ दूर पैदल चलने के कारण प्रसव पीड़ा बढ़ गई और जानकी बरही बस स्टैण्ड के पास स्थित तालाब के चबूतरे पर बैठ गई।
जानकी की हालत की देखकर आसपास के कुछ लोग वहां जमा होने लगे। इसी बीच पिपरिया आंगनबाड़ी केन्द्र में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को राह चलते जानकी की हालत का पता चला। उन्होंने बिना देरी किए लोगों की मदद से चादर की आड़ में तालाब के किनारे सुरक्षित प्रसव कराया।
जानकी ने सामान्य प्रसव से स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया। बाद में लोगों के विरोध और दबाव के चलते एम्बुलेंस की सहायता से जच्चा व बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही में पहुंचाते हुए दोबारा भर्ती कराया गया। मामले में किसी भी अधिकारी ने बात करने से मना कर दिया है।
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डा अशोक चौदहा ने गुरुवार शाम को बताया की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।