लखनऊ/नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने वाले भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ बसपा कार्यकर्ता दिल्ली, लखनऊ, भोपाल और चंडीगढ़ आदि शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं।
दया शंकर सिंह की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ और बलिया स्थित आवासों पर पुलिस ने छापे मारे लेकिन वह नहीं मिले। बैरंग लौटने के बाद पुलिस ने अब सर्विलांस की मदद से उनकी खोजबीन शुरू की है।
विरोध-प्रदर्शन के बीच चंडीगढ़ बसपा अध्यक्ष जन्नत जहान ने एक विवादित बयान में दयाशंकर सिंह की जीभ काटकर लाने वाले को 50 लाख रुपए इनाम देने का ऐलान करके सबको चौंका दिया है।
भोपाल में बसपा विधायक शीला त्यागी ने विधानसभा के बाहर दयाशंकर अौर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। दिल्ली में जंतर मंतर पर भी बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यह मामला अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग लेता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में इस मुद्दे पर प्रदर्शनकारी बसपा को कांग्रेस पार्टी भी समर्थन दे रही है। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा भी परोक्ष रूप से राजनीतिक रोटियां सेंकने में पीछे नहीं है। बीती रात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की हरी झंडी के बाद पुलिस ने दया शंकर सिंह के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दो एफआईआर दर्ज़ की हैं।
दया शंकर सिंह के लखनऊ और बलिया स्थित आवासों पर पुलिस ने गुरूवार को छापे मारे लेकिन भाजपा नेता नहीं मिले। बैरंग लौटने के बाद पुलिस ने अब सर्विलांस की मदद से उनकी खोजबीन शुरू की है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दयाशंकर सिंह की लोकेशन पूर्वांचल में मिली है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने गुरुवार को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान कहा कि हमने दयाशंकर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है। इसके आधार पर दयाशंकर सिंह की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।
उधर, लखनऊ में दयाशंकर सिंह के घर पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। यहां दयाशंकर के घर पर दो नौकर हैं। इनके अलावा पुलिस को कोई और नहीं मिला है। बसपा नेता मेवालाल गौतम ने बीती रात दयाशंकर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।