भोपाल। अपनी तीखी टिप्पणियों के लिए विख्यात पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार के कामकाज के तरीके को लेकर एक और तल्ख टिप्पणी कर दी।
सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च की ओर इशारा करते हुए गौर ने कहा कि एक तरफ सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। दूसरी तरफ वह दरियादिली से खर्च किए जा रही है। सरकार का यह रवैया कर्ज लेकर घी पीने की तरह है।
पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गौर ने यह टिप्पणी शून्यकाल के दौरान की। उन्होंने अनुपूरक बजट के प्रावधानों पर सवाल उठाए।
उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च को फिजूलखर्ची बताते हुए कहा कि सरकार 16 करोड़ रूपए कीमत वाली गाड़ी खरीद रही है, जबकि प्रदेश की माली हालत ठीक नहीं है।
अधूरे कामों को लेकर भाजपा विधायक भी नाराज
मानसून सत्र के दौरान सरकार को कठघरे में खड़ा करने के मामले में सत्ता पक्ष के विधायक भी विपक्ष से पीछे नहीं हैं। सोमवार को भी विधायक राजेंद्र पांडे ने अपनी ही सरकार को अधूरे निर्माण कार्यों को लेकर घेरा।
जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विधायक पांडे ने उनके विधानसभा क्षेत्र में अधूरे कामों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में शिक्षा विभाग में 1542 कामों की मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 40 करोड़ लागत वाले 1206 काम अभी भी अधूरे पड़े हैं।
विधायक राजेन्द्र पांडेय ने कहा कि जब अकेले रतलाम में यह हाल हैं तो प्रदेश का क्या हो रहा होगा। इसका जवाब देते हुए मंत्री विजय शाह ने कहा कि कई बार निर्माण एजेन्सियों के समय पर काम न करने से यह स्थिति बनती है। उन्होंने कहा कि अब हर सप्ताह मैं स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कामों की समीक्षा करूंगा।
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि क्या समीक्षा ही करते रहेंगे, काम कब होगा। इसी तरह खिलचीपुर विधायक हजारीलाल दांगी ने अपने क्षेत्र में सिविल अस्पताल का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से अस्पताल की मांग कर रहे हैं पर सरकार उस पर ध्यान नहीं दे रही है।
स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह ने जब उन्हें बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण कहीं भी अभी नया सिविल अस्तपाल खोलना संभव नहीं है। इस पर विधायक दांगी का कहना था कि मेरे साथ ही ऐसा हो रहा है। मेरे क्षेत्र के काम को लटकाया जा रहा है।