दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी का राजनीतिक ग्राफ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों में भी उनकी पार्टी द्वारा प्रभावी भागीदारी की संभावना जताई जा रही है।
केजरीवाल पंजाब विधानसभा के चुनाव जीतने के प्रति खासे ख्वाइशमंद हैं तथा उनके द्वारा राज्य का विधानसभा चुनाव जीतने के लिये काफी राजनीतिक कवायद भी की जा रही है। लेकिन केजरीवाल के ही कुछ साथी अपनी हरकतों के पार्टी की चुनावी संभावनाओं को तहस नहस करते नजर आ रहे हैं।
केजरीवाल पिछले कुछ समय से पंजाब राज्य में नशाखोरी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाते रहे हैं तथा कई बार तो वह राज्य में व्याप्त कथित नशाखोरी के मुद्दे को सनसनीखेज बनाते भी नजर आए। इसके पीछे केजरीवाल की मंशा यही रही है कि पंजाब राज्यवासियों के मन में यह भावना विकसित हो जाए कि सिर्फ अरविंद केजरीवाल व उनकी आम आदमी पार्टी ही पंजाब राज्य को नशाखोरी की समस्या से मुक्तिा दिला सकती है।
लेकिन अब केजरीवाल के ही एक सहयोगी व पंजाब से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद भगवंत मान नशाखोरी के मुद्दे पर खलनायक की भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं।
भगवंत मान पर आम आदमी पार्टी के ही एक सांसद ने आरोप लगाया है कि संसद सत्र के दौरान भगवंत मान लोकसभा में हमेशा शराब पीकर आते हैं तथा उनके बैठने की सीट मेरे बगल में होने के कारण मुझे लोकसभा की कार्रवाई में भाग लेना मुकिल हो रहा है।
आम आदमी पार्टी के उक्त सांसद का कहना है कि उन्होंने भगवंत मान से जुड़े इस मुद्दे को कई बार केजरीवाल के सामने भी उठाया लेकिन केजरीवाल द्वारा बार-बार मेरी आपत्ति को नजरअंदाज किया गया।
अब अगर आम आदमी पार्टी के उक्त सांसद के आरोप सही हैं तो फिर तो अरविंद केजरीवाल की नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक ही है क्यों कि जिस नशाखोरी के मुद्दे को आधार बनाकर केजरीवाल आसमान को सिर पर उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उसी मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल का ही एक सहयोगी उन्हें ठेगा दिखा रहा है तथा केजरीवाल उसकी हरकतों को नजअंदाज कर रहे हैं।
वैसे भी केजरीवाल ने जब पिछले दिनों नशाखोरी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था तभी यह लग रहा था कि इस पूरी कवायद के पीछे केजरीवाल की नैतिक प्रतिबद्धता कम तथा राजनीतिक इरादों का जोर ज्यादा है तभी तो वह पंजाब में नशाखोरी के मुद्दे को लेकर पूरे पंजाब राज्यवासियों को ही कसूरवार ठहराने की कोशिश करते नजर आ रहे थे।
लेकिन अब स्पष्ट है कि केजरीवाल के एजेंडे को नुकसान पहुंचाने के लिये उन्हे उनके विरोधियों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी अपितु यह जिम्मेदारी तो उनके सहयोगी ही बखूबी पूरा कर देंगे। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान एक और मुद्दे को लेकर विवादों में हैं।
भगवंत मान पर आरोप है कि उन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से संसद परिसर की वीडियोग्राफी की है तथा इसके चलते मान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकसभा स्पीकर द्वारा इस मामले की जांच के आदेश देने के साथ ही मान को समन जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि मान को पूरे संसद सत्र के लिये निलंबित किया जा सकता है। वहीं शिरोमणि अकाली दल द्वारा मान के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की बात कही गई है। अब भगवंत मान द्वारा संसद परिसर की उक्त वीडियोग्राफी को चाहे उनकी नादानी समझा जाए या सोची-समझी पहल, लेकिन कुल मिलाकर वह नये विवाद में तो फंस ही गए हैं।
क्योंकि बताया जा रहा है कि भगवंत मान उक्त वीडियो में संसद की सुरक्षा का मखौल उड़ाते नजर आ रहे हैं। इस दृष्टि से मान की इस हरकत को काफी गंभीर माना जा सकता है। क्यों कि देश की संसद में आतंकी हमले को अभी भी लोग भूल नहीं पाए हैं। फिर भगवंत मान संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का ऐसा दुस्साहस क्यों कर बैठे? यह विचारणीय विषय है।
बताया जा रहा है कि भगवंत मान वीडियो में संसद की कथित सुरक्षा कमियों का खुलासा करते नजर आ रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि मान की उक्त हरकतों से भारत विरोधी दुनियाभर के अपराधियों-आतंकियों को यह पता चल जाएगा कि भारतीय संसद की सुरक्षा के कोई खास इंतजामात नहीं रहते हैं जिसका फायदा उठाने का भूत उनके शैतानी दिमाग में जाग सकता है तथा वह संसद पर आतंकी हमले के पिछले काले अध्याय को फिर दोहराने की जुर्रत कर सकते हैं। भगवंत मान के उक्त वीडियोग्राफी वाले कदम की चौतरफा आलोचना हो रही है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने मान के इस कृत्य को अनुचित बताते हुए उन पर कार्रवाई की आवश्यकता जताई है। वहीं जेडीयू सांसद केसी त्यागी का कहना है कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है क्योंकि वीडियो में संसद की सुरक्षा की कमियों का खुलासा किया गया है। उनका कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की सुरक्षा पर एक समिति बनाई है और वह अपनी रिपोर्ट सौंपगी। लेकिन हम कििथत सुरक्षा कमियों के कारण डरे हुए हैं।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एक तो भगवंत मान द्वारा संसद सत्र के दौरान शराब पीकर आने का आरोप उन पर खुद उन्हीं की पार्टी के सांसद ने लगाया है वहीं दूसरी तरफ मान ने संसद परिसर की वीडियोग्राफी की यह हरकत कर डाली। इस प्रकार वह दोहरे विवाद में फंस गए हैं। अब यह देखना होगा कि केजरीवाल अपने ऐसे साथियों की इस गड़बड़ी से कैसे निपट पाते हैं।
सुधांशु द्विवेदी