सूरत। गुजरात के उना में दलित युवकों पर हुए अत्याचार को लेकर राज्य भर में भड़की आग अभी शांत भी नहीं हुए है कि सूरत के मोडी वेड गांव में कथित पिटाई से हुई युवक की मौत के मामले ने प्रशासन परेशानी बढ़ा दी है।
सोमवार सुबह दलितों ने शहर में रैली निकाल कर किए विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोश देख पुलिस ने आरोपित पीएसआई वी.एस.पटेल के खिलाफ हत्या और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है, वहीं दूसरी ओर पीएसआई की शिकायत पर पिटाई करने वाले लोगों के खिलाफ भी हत्या की कोशिश और रायोटिंग का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस आयुक्त आशिष भाटिया ने बताया कि दलित युवक की मौत का मामला सामने आने के बाद मौत की सही वजह जानने के लिए सोमवार सुबह स्मीमेर अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया है।
रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह पता चल पाएगी, लेकिन मृतक युवक के परिजन और समाज के लोगों ने आरोपित पीएसआई के खिलाफ जब तक मामला दर्ज नहीं किया जाता तब तक शव लेने जाने से इनकर कर दिया।
परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए दोपहर को मृतक महेन्द्र मकावाणा के पिता गमन मकवाणा की शिकायत पर पुलिस ने पीएसआई पटेल के खिलाफ हत्या और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।
इससे पहले रविवार रात चौक बाजार पुलिस ने पिटाई से घायल पीएसआई पटेल की शिकायत पर विनोद नगीन कंथारिया, अमित नवटरलाल सोनी, गुलकीबेन, देवल अशोक, सजंय अरूण, दीपक सोनी और दिव्यकांत सोनी को नामदज करते हुए 90 से अधिक लोगों के खिलाफ रायोटिंग और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया था।
गौरतलब है कि रविवार शाम चौक बाजार थाने के पीएसआई पटेल मोटी वेड गांव नायका वाड तीन रास्ता के पास शराब के अड्डे पर कार्रवाई करने पहुंचे थे, इसी वक्त यहां जुआ खेल रहे युवक उन्हें देख कर भागने लगे, इस दौरान महेन्द्र मकवाणा नाम का युवक उनके हत्थे चढ़ गया था और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।
इसके बाद लोगों ने पुलिस की पिटाई से युवक की मौत का आरोप लगाते हुए पीएसआई पटेल की धुनाई कर सिर फोड़ दिया था। हालांकि पुलिस ने रात को पीएसआई की शिकायत दो दर्ज कर ली थी, लेकिन युवक की मौत के मामले में सिर्फ आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था।