मुलताई। दो मासूम बेटियों सहित पत्नी को जिंदा जलाकर निर्ममता से मारने वाले हत्यारे इंजीनियर प्रवीण मनवर को हत्या का दोषी पाते हुए कोर्ट ने मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई है।
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहन पी तिवारी ने दोषी पर 1 लाख 30 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है।
उक्त मामले पूरे प्रदेश में चर्चित हुआ था, इसलिए इस मामले के निर्णय पर सभी की निगाहे टिकी हुई थी। न्यायधीश ने इस मामले में सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा के साथ मरते दम तक प्रवीण को सजा का उल्लेख किया है।
सरकारी वकील राजेश साबले ने बताया कि मार्च 2015 को छतरपुर में पदस्थ अमरावती निवासी सिविल इंजीनियर प्रवीण मनवर ने प्रभात पट्टन के पास सदाप्रसन्न घाट में अपनी पत्नी सहित दो मासूम बच्चियों को कार में जिन्दा जला दिया था।
घटना का खुलासा तब हुआ था जब वारदात के एक सप्ताह बाद हत्यारे ने खुद अमरावती पुलिस के पास जाकर अपराध कबूला था। इसके बाद सूचना पर मुलताई पुलिस ने सदाप्रसन्न घाट की खाई से जली हुई कार सहित तीन शव बरामद किए थे।
घटना का कारण हत्यारे द्वारा खुद को एवं उसकी पत्नी सहित दोनों पुत्रियों को एड्स होना बताया गया था, लेकिन बाद में चिकित्सीय परीक्षण के बाद यह तथ्य निराधार साबित हुआ था।
राजेश साबले ने बताया कि प्रवीण मानेश्वर मनवर उम्र 39 वर्ष ने विगत 3 मार्च से 4 मार्च की दरमियानी रात सदाप्रसन्न घाट में पत्नी शिल्पा उम्र 38 वर्ष, पुत्री शर्वरी 9 वर्ष एवं परिणीती 2 वर्ष को वेगनआर कार क्रमांक सीजी 07 एम 4429 में बंद कर कार घाट से नीचे ढकेल दी।
बाद में नीचे पहुंच कर कार पर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी थी। जिससे उसमें बंद पत्नी सहित दो मासूम बच्चियों की जिन्दा जलकर मौत हो गई थी।
राजेश साबले ने बताया कि प्रवीण ने अमरावती के पास एक पेट्रोल पंप से एक कुप्पी में पांच लीटर पेट्रोल लिया था। इसी पेट्रोल से उसने तीनों को जिंदा जला दिया था और खुद भाग निकला था। पुलिस ने प्रवीण के खिलाफ धारा 302 एवं 201 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया था।
उक्त प्रकरण द्वितीय जिला अपर एवं सत्र न्ययाधीश मोहन पी तिवारी के न्यायालय में विचाराधीन था। न्यायालय ने प्रवीण को तीनों की हत्या का दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में मरते दम तक आजीवन कारावास एवं 1 लाख रुपए के अर्थदंड एवं धारा 201 में 5 साल का कारावास एवं 30 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।