जयपुर/भरतपुर। राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री प्रो.वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विद्यालय एकीकरण पश्चात जिन विद्यालयों में अध्यापकों की कमी है वहां छात्र संख्यानुसार अधिशेष शिक्षकों को प्राथमिकता से लगाएं और इसके बाद भी जो अध्यापक शेष रहें उन्हें माध्यमिक सैटअप में स्थान्तरित कर सूचना एक सप्ताह में भिजवाना सुनिश्चित करें।
देवनानी गुरूवार को शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत शिक्षाविभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विषय विशेष के शिक्षकों के जो पद रिक्त हैं उनकी सूचना भी शीघ्र्र भिजवाने के निर्देश दिए ताकि जिलों को विषयवार अध्यापक आवंटित किये जा सकें।
उन्होंने क्रमोन्नत किए जा सकने वाले विद्यालयों व विषय खोलने के लिए जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव प्राप्त कर निर्घारित मापदण्डानुरूप विभाग को प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर जो आदर्श स्कूल बनाए जाने हैं उनकी सूची दें ताकि उन सभी में आवश्यक सुविधाएं विकसित की जा सकें।
शिक्षा राज्यमंत्री ने संस्था प्रधानों से ग्रामीणों से सीधा संवाद रखने और जो प्रस्थापन बाबू दो साल से इस पद पर कार्यरत है उसे तत्काल स्थानान्तरित करने के निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालय परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और अगले शैक्षणिक वर्ष से पूर्व शेष सभी विद्यालयों में शौचालय बनवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी निजी विद्यालयों में फीस का निर्घारण आगामी 31 दिसम्बर तक कराने के निर्देश देते हुए कहा कि आगामी दो माह में शिक्षा विभाग में सभी स्तर की डीपीसी कर ली जाएंगी और उनका प्रयास है कि आगामी शैक्षिक सत्र से पूर्व सभी रिक्त पद भर दिए जाएं।
सभी स्कूलों में होगी टॉयलेट सुविधाएं
राजस्थान के सभी विद्यालयों में शौचालयों के नियमित रख रखाव व सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के सभी 74 हजार 892 विद्यालयों में 37.44 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।
शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में आगामी शैक्षिक सत्र से पहले छात्र-छात्राओं के लिए पृथक पृथक शौचालय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के 2858 विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। शौचालय विहीन विद्यालयों में शौचालयों के निर्माण के लिए दानदाताओं, भामाशाहों, राजकीय उपक्रमों, कॉरपोरेट क्षेत्र का सहयोग भी लिया जाएगा।
उन्होंने इस संबंध में भामाशाहों को आगे आकर सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में शौचालय उपलब्ध नहीं हैं, उनकी सूची शौचालय की ड्राइंग, तकमीना आदि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की वेबसाईट पर प्रकाशित की गई है। उन्होंने भामाशाहों, राजकीय उपक्रमों, कॉरपोरेट क्षेत्र के लोगाें से अपील की है कि वे स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत राज्य के विद्यालयों में शौचालय निर्माण के लिए मदद करें।
राज्य सरकार द्वारा शौचालय निर्माण के लिए निजी सहभागिता की पहल के तहत राजकीय उपक्र मों द्वारा शौचालय विहीन 1812 विद्यालयों में शौचालयों के निर्माण की सहमति प्रदान की गई है।