ग्वालियर। बीस हजार के इनामी अजय की उम्र महज 20 साल है। 14 साल की उम्र में पहली बार बंदूक चोरी के आरोप में पकड़े जाने के बाद से ही अजय पुलिस के लिए चुनौती बन गया। 32 दिन में दो बार पुलिस की हिरासत से भागने के बाद अजय पुलिस को लगातार छका रहा था।
पुलिस की घेराबंदी के बीच ही उसने दतिया में रिश्तेदार प्रहलाद गोस्वामी की हत्या कर जता दिया कि वह सिर्फ वाहन चोर ही नहीं है। शॉर्ट एनकाउंटर में भिंड रोड पर बेहटा चौकी के पास से अजय गोस्वामी को पकडऩे के बाद पुलिस ने सुकून की सांस ली है।
घायल होकर भी बेखौफ था अजय
पैर में गोली मारने के बाद पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच घायल अजय को इलाज के लिए जेएएच भेजा। घायल के अस्पताल पहुंचने से पहले ही टीआई कंपू विजय तोमर बल के साथ उसकी निगरानी के लिए अस्पताल पहुंच गए थे।
घायलावस्था में पुलिस की गाड़ी से उतरते समय ऐसा नहीं लग रहा था कि उसके पैर में गोली लगी है। वह पुलिस को देखकर मुस्करा रहा था। स्ट्रैचर पर लेटने के बाद उसने पुलिस जवान से कहा कि अब गोली तो मार दी, गुटखा तो खिला दो।
भाभी की हत्या करने हवालात से भागा था
5 जुलाई को तडक़े विश्वविद्यालय थाने की हवालात से भागने के बाद अजय गोस्वामी थाने से ही करीब एक किलोमीटर की दूरी पर रहने वाली भाभी रीना पत्नी संतोष गोस्वामी की हत्या करने कुल्हाड़ी लेकर सिंधिया नगर की पहाड़ी पर पहुंच गया। पहाड़ी पर रहने वाले लोग जमा होने के बाद अजय वहां से भाग गया।
पुलिस ने भी रीना के परिवार की सुरक्षा के लिए जवान तैनात कर दिए। इसके बाद भी वह फिर पहुंचा और धमकी देकर भाग गया। रीना गोस्वामी के परिवार ने ही उसे पुलिस की हिरासत से भागने के बाद दोबारा पकड़ाया था।
रीना के परिजनों ने पहले ही आशंका जताई थी कि अजय दतिया में भी रिश्तेदार की हत्या कर सकता है। दतिया पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया था। इसके बाद भी अजय ने नौगवां जिला दतिया में घर के बाहर सोते समय रिश्तेदार प्रहलाद गोस्वामी की हत्या कर दी।
मुखबिरी के चलते मार दिया
घायल अजय गोस्वामी ने प्रहलाद गोस्वामी की हत्या करना कबूल करते हुए बताया कि वह उसकी मुखबिरी करता था और उससे पुरानी रंजिश भी थी इसलिए उसे मार दिया।
32 दिन में दो बार पुलिस की हिरासत से भागा
अजय गोस्वामी ने 14 साल की उम्र में बंदूक चोरी कर पहला अपराध किया था। पुलिस ने उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेजा था। आरोपी पहली बार न्यायिक हिरासत से भागा। उसके बाद वह वाहन चोर प्रदीप राठौर की गैंग से जुड़ गया।
यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने प्रदीप राठौर के साथ अजय को पकड़ा और इनसे चोरी की एक कार व 40 बाइक बरामद की थीं। कार चोरी के मामले में रायपुर पेशी से लौटते समय प्रदीप व उसके भाई के साथ 3 जून को पुलिस की हिरासत से भाग गया।
5 जुलाई को यूनिवर्सिटी पुलिस ने फिर पूरी गैंग को पकड़ लिया और 32 दिन में दूसरी बार फिर हवालात में सेंध लगाकर भाग गया।