वाराणसी। सावन के दूसरे सोमवार पर देवराज इन्द्र भी वज्र योग में बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक और पांव पखारने के लिए झूमकर बरसते रहे। गरज चमक के बीच भारी बारिश और सीवर युक्त कमर भर पानी में अडिग खड़े लाखो भक्तों में आस्था और उमंग पोर पोर बरसती रही।
भगवान इन्द्र की परीक्षा में शिव भक्तों ने भी पास होने की ठान ली थी। यही वजह रही कि कोई भी एक से ड़ेढ़ किमी लम्बी लाइन में खड़ा शिव भक्त अपने स्थान को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। भारी बारिश के बीच घंटों कतारबद्ध शिवभक्त कांवरिये हर हर महादेव के उद्घोष से पूरे शहर को गुंजायमान किये हुए थे।
पूर्वान्ह 11 बजे तक ही बाबा दरबार में 50 हजार से अधिक श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके थे। सावन के पहले सोमवार की तरह बाबा की एक झलक और परस के लिए तीन दिशाओं में लगभग डेढ़ किमी लम्बी लाइन लगी हुई थी। मनोकामना पूर्ति के लिए बाबा का दर्शन-पूजन, दूध-जल से अभिषेक और बेलपत्र अर्पित किया गया।
सुबह से रात तक कांवरियो के जत्थे आते गंगा में डुबकी लगाते, गंगजल लेकर बाबा का अभिषेक के बाद अगले पड़ाव के लिए बढ़ते जाते। इसके पूर्व रात 2.30 पर बाबा के विग्रह का परम्परानुसार दुर्लभ वज्र योग में विधि विधान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य श्रृंगार मंगला आरती के बाद मंदिर का पट आम आदमी के लिए खुल गया।
इसके साथ ही श्रद्धा की अटूट कतार दरश परश जलाभिेषेक के लिए दरबार में उमड़ पड़ी। कतारबद्ध कावरियों और शिवभक्तोंकी सेवा में सामाजिक संगठनों, नागरिक सुरक्षा संगठन के साथ पुलिस विभिन्न दलो के कार्यकर्ता जगह-जगह शिविर लगाकर जुटे थे।
कांवरियों की सुरक्षा की कमान एसएसपी आकाश कुलहरि, जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द, सीटी एसपी सुधाकर यादव ने सभांल रखी थी। इस दौरान आला अफसर गोदौलिया चैराहे से लेकर मंदिर और गंगाघाट तक भारी फोर्स के साथ चक्रमण करते रहे।
सावन के दूसरे सोमवार पर ही नगर के अन्य प्रमुख शिवालय महामृत्युजंय, शुलटंकेश्वर महादेव, तिलभाण्डेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर महादेव, त्रिलोचन महादेव, रामेश्वर महादेव, कर्मदेश्वर महादेव, सारंगनाथ मारकण्डे महादेव, गौतमेश्वर महादेव सहित सभी छोटे बड़े शिवालयों में जलाभिषेक के लिए आस्था हिलोर मारती रही।
इसके पूर्व लगभग 25 से 30 हजारा श्रद्धालु रविवार की शाम से ही बैरिकेटिंग में कतार बद्ध हो गये थे। पूरी रात बारिश के बीच बाबा के दर्शन के लिए इंतजार करते रहे। इस दौरान हर हर महादेव का गगनभेदी उद्घोष से पूरा मंदिर परिक्षेत्र गुजांयमान रहा।
मंगला आरती के बाद बाबा दरबार का पट खुलते ही देश के विभिन्न् जिले प्रान्त से आए शिवभक्त और कांवरिये छत्ताद्वार, ढुंढीराज गणेश, बास फाटक, सरस्वती फाटक से होकर मंदिर पंहुचे और बाबा को दूध-गंगा जल विल्वपत्र चढ़ाकर पुण्य अर्जित किया।
उधर गंगा का जलस्तर बढ़ता देख जिला प्रशासन काफी सतर्क रहा। गंगाघाटों पर गोताखोर, पीएसी और जल पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। पूरे दिन गोताखोर जल पुलिस के जवान स्टीमर से गश्त करते रहे। घाटों पर भी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था।
दूसरा सोमवार शुभ फलदायी
सावन मास के दूसरे सोमवार पर दुर्लभ व्रज योग का संयोग रहा। माना जाता है कि आज भगवान शिव की पूजा से बल एवं स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सोमवार को व्रत रखना बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है। खास करके सावन का दूसरा सोमवार शिव से स्वास्थ्य और बल प्रदान करने का व्रत होता है। भगवान शिव को इस दिन भांग, धतूरा एवं शहद अर्पित करना उत्तम फलदायी रहता है।
सावन के दूसरे सोमवार जम्मू के शिवालयों में रही भारी भीड़
जम्मू। सावन के दूसरे सोमवार को भी शिव मन्दिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही जम्मू के शिवालयों में भक्तों का ताता लगा रहा। लोग मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर शिवलिंग पर जल दूध आदि अर्पित कर रहे थे।
बम बम बोले के नारों के साथ भक्त सुबह से ही बोले बाबा की पूर्जा अर्चना में लगे रहे। महिलाओं व पुरूष ने व्रत रख कर बोले बाबा का आर्शीवाद लिया। सावन के महीने में चार सोमवार का व्रत रखा जाता है जिससे बहुत शुभ माना जाता है। लोगों की आस्था है कि इन चार सोमवारो में शिव जी भक्तों की भक्ती से प्रसन्न होकर उन्हें आर्शीवाद देतेे है।
जम्मू के प्रसिद्ध मन्दिरों रणविशेवर मन्दिर शालामार, पीरखो मन्दिर, आपस्वयंभू मन्दिर रूप नगर तथा शहर के सभी छोटे बडे शिव मन्दिर में सुबह से ही भक्तों का ताता लगना शुरू हो गया था। लोगों ने दुध, दही, शहद, जल, फल, फूल आदि भगवान शिव को चढाकर सुख समृद्धि की कामना की।