नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के फैसले को भाजपा नेतृत्व द्वारा उन्हें बलि का बकरा बनाना करार दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
राहुल गांधी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं।
गुजरात की मुख्यमंत्री ने पद से हटने का फैसला लेते हुए सोमवार को कहा था कि अब समय आ गया है कि नया नेतृत्व जिम्मेदारी संभाले क्योंकि वह जल्द ही 75 वर्ष की होने जा रही हैं।
आनंदीबेन ने मई 2014 में गुजरात की कमान संभाली थी। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की सत्ता छोड़ देश की कमान संभाली थी। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पर आरोप है कि पटेल के आंदोलन और कथित दलित आत्याचार को वह रोक नहीं पाईं।
गुजरात में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस पिछले दो दशकों से गुजरात में सत्ता से बाहर है। कांग्रेस ने आनंदीबेन के इस्तीफे पर कहा कि उन्हें काफी पहले ही यह कदम उठा लेना चाहिए था।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य के दलितों और पाटीदार समुदाय से संबंधित मुद्दों से निपटने में उनकी विफलता को लेकर इन दोनों समुदायों में बढ़ रहे असंतोष के बावजूद पार्टी नेतृत्व उन्हें बचाता आ रहा था।
वहीं कांग्रेस महासचिव गुरूदास कामत ने कहा कि अगर आनंदीबेन को किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जाता है या केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जाती है तो यह दलितों और पाटीदार समुदाय के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने के बराबर होगा।