इस्लामाबाद/नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद के हमदर्द देशों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता। आतकियों का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। आतंकवादी को शहीद न बताएं।
इतना ही बल्कि पाकिस्तान से रिश्तों में आई तल्खी के चलते सिंह बिना लंच किए पाकिस्तान से स्वदेश लौट आए। स्वदेश लौटने के बाद राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। उन्होंने पीएम को अपनी यात्रा का ब्योरा दिया।
राजनाथ ने दिल्ली पहुंचकर कहा कि उन्होंने भारत से जुड़े सभी मुद्दे उठाए। पकिस्तान को उसी की धरती पर गृहमंत्री ने उसकी हद दिखा दी। आलम यह रहा कि राजनाथ के भाषण के मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी गई। बाद में सम्मेलन में रखे गए लंच में भी गृह मंत्री ने हिस्सा नहीं लिया और स्वदेश लौट आए।
इस्लामाबाद में राजनाथ की तल्ख टिप्पणियों की वजह यह मानी जा रही है कि पाकिस्तान में शरण पा रहे आतंकवादी गुट और कश्मीरी अलगाववादी पिछले कुछ सप्ताहों से हिज़्बुल आतंकी बुरहान वानी की कश्मीर में सुरक्षा बालों के साथ मुठभेड़ में हुई हत्या पर आंसू बहा रहे हैं और वानी को ‘शहीद’ का दर्जा दे रहे हैं।
पाकिस्तान को उसी की धरती पर खरी-खोटी सुनाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद डिजिटल तकनीक के दुरुपयोग से परिलक्षित होता है इसलिए हमें साइबर अपराध के सभी पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने आपराधिक मामलों को रोकने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए सार्क कन्वेंशन की पुष्टि करने पर ज़ोर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘अच्छा आतंकवाद बुरा आतंकवाद’ कुछ नहीं होता।
आतंकवाद केवल आतंकवाद है इसलिए केवल आतंकवादियों के खिलाफ ही नहीं बल्कि उन सब देशों, संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कड़े क़दम उठाने चाहिए जो आतंकवाद को पनपने में सहायता करते हैं। आतंकवाद की केवल निंदा भर ही काफी नहीं।
भारी सुरक्षा के बीच राजनाथ सिंह बुधवार को दो-दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे। लगभग 100 प्रदर्शनकारियों ने उस होटल के बाहर प्रदर्शन किया जहां राजनाथ सिंह ठहरे थे।
बुधवार को हिज़्बुल मुजाहिदीन के सरगना सलाहुद्दीन और मुम्बई हमले के आरोपी हाफ़िज़ सईद के समर्थकों ने राजनाथ सिंह की पाकिस्तान यात्रा के विरोध में प्रदर्शन किए।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने सार्क सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद एक चुनौती है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और संगठित अपराधों को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि आतंकवाद सिर्फ पाकिस्तान की नहीं पूरी दुनिया के लिए समस्या बन गया है।
उन्होंने कहा कि संगठित अपराध और आतंकवाद के खतरे को रोकने के लिए एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करने की जरूरत है।