रियो डी जेनेरियो। रोशनी, संगीत और नृत्य के साथ ही ओलंपिक की शुरुआत हो गई है।ओलंपिक उद्घाटन समारोह में ब्राजील ने अपनी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और विविधता का प्रदर्शन किया।
बीजिंग ओलंपिक 2008 और लंदन ओलंपिक 2012 की भव्यता से इतर रियो ओलंपिक ने अपनी सादगी भरे संगीतमय और प्रकृति संरक्षण के संदेश के साथ दुनियाभर के लोगों का दिल जीत लिया।
उद्घाटन समारोह में ब्राजील की संस्कृति को दिखाने का प्रयास किया गया और सांबा डांस तथा बोसा नोवा की धुनों पर थिरकते कलाकारों ने अपने आधे घंटे से भी अधिक तक चले अपने परफार्मेंस से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इतना ही नहीं मेजबान देश की संस्कृति का अहम हिस्सा रियो के बीचों पर बसी बड़ी झुग्गी बस्ती ‘फैवेला’ और उसमें रहने वाले लोगों की झलग भी दुनिया को देखने को मिली।
खेलों के इस सबसे बड़े आयोजन को टीवी पर देख रहे करीब तीन अरबों लोगों तक दुनिया के सबसे बड़े एमेजन जंगल को बचाने का संदेश भी इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदू रहा।
एमेजन के जंगल, उनमें पाए जाने वाले जीव जन्तुओं और विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों को बचाने का संदेश दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया गया।
पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे ब्राजील ने इस कार्यक्रम में पिछले ओलंपिक खेलों की तरह बहुत अधिक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के बजाय इसमें ब्राजील की संस्कृति और यहां के लोगों की जिंदादिली को दिखाने पर अधिक जोर दिया।
ओलम्पिक में हिस्सा लेने वाले 200 से अधिक देशों के 10 हजार खिलाड़ियों और अधिकारियों को एक-एक पौधा लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। उद्घाटन समारोह के दौरान ही इन खिलाड़ियों और अधिकारियों को पौधे सौंपे गए।
समारोह में दुनिया के 10 हजार एथलीटों ने 75 हजार दर्शकों के सामने मार्च पास्ट किया। भारतीय दल की अगुवाई निशानेबाज गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने की।
ब्राजील के रियो शहर में होने वाले ओलंपिक आयोजन कई तरह से अनूठे हैं। यह पहली बार है जब किसी दक्षिण अमरीकी देश में ओलंपिक हो रहा है।
रियो के चार जगहों पर खेलों के आयोजन होंगे। ये चार जगहें हैं डियोडोरू, बारा, कोपाकबाना और मराकाना। मराकाना में फुटबॉल का मशहूर स्टेडियम है।
रियो ओलंपिक में 554 खिलाड़ियों के साथ शामिल हुई अमरीका की टीम, सबसे बड़ी ओलंपिक टीम है तो 100 मीटर के धावक इटिमोनी के साथ शामिल हुऐ देश तुवालू की टीम सबसे छोटी है।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (आईओसी) के मुताबिक इस साल के रियो खेलों में शरणार्थियों की भी एक टीम हिस्सा ले रही है। आईओसी ने 18 साल की युसरा मर्दीनी और रामी अनीस का नाम शरणार्थियों की टीम में शामिल कर लिया है।
ये सभी शरणार्थियों के लिए उम्मीदों का पैगाम था। शरणार्थियों की टीम में 10 सदस्य हैं। जिसमें पांच दक्षिण सूडान, दो सीरिया, दो डीआर कांगो और एक इथियोपिया से खिलाड़ी शामिल किए गए हैं।यह टीम ओलंपिक के झंडे के तहत हिस्सा लेगी।