सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर पालडी आर व अणगौर के बीच स्थित सूरदास महाराज के रंगधाम आश्रम पर रविवार रात को करीब एक बजे आठ-दस अज्ञात हथियारबंद लोगों ने हमला कर लूट की। अंदर घुस कर उन्होंने आश्रम के महाराज सूरदास जी तथा उनके भाविकों पर हमला भी किया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई।
करीब 7 जने घायल हो गए। सभी घायलों को सिरोही ट्रोमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है, जबकि एक महिला भाविक को रैफर किया गया। सूचना फैलते ही सिरोही जिला चिकित्सालय पर सूरदास महाराज के भक्तों की जमावडा लग गया। उन्होंने यहां पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, पैलेस रोड को जाम कर दिया।
सूचना मिलने पर पूर्व विधायक संयम लोढा मौके पर पहुंचे। बाद में भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी व सिरोही सभापति ताराराम माली भी पहुंचे। लोढा ने होम मिनिस्टर व होम सेकेट्री दीपक उप्रेती से टेलीफोन पर बात करके डाॅग स्क्वायड भिजवाने की आवश्यकता जताई।
अणगौर रोड पर स्थित सूरदास महाराज के आश्रम पर हथियार बंद लोगों ने हमला कर दिया। इस दौरान आश्रम परिसर के चैक में सो रहे उनके छह भक्तों पर पहले पथराव किया। फिर अंदर घुसकर उसके साथ मारपीट की। इस दौरान उनके भाविक मालगांव निवासी मंगलसिंह ने हथियारबंद लोगों की तलवारों को पकडा, लेकिन चारों तरफ से उन पर हमला हुआ तो उन्होंने सरेंडर करना ही उपयुक्त समझा।
इस दालान में मंगलसिंह, अहमदाबाद निवासी कन्हैयालाल पुत्र त्रिकमाराम प्रजापत, वीरवाडा निवासी गोविंद, चौथाराम, रतनाराम रेबारी आदि सो रहे थे। हमलावरों ने कन्हैयालाल को इतना पीटा कि अंदरुनी चोटों से उनकी मौत हो गई। वहीं यहां रहकर पढने वाला चौथाराम अंधेरे में दालान में बने कमरे में घुस गया। हमलावरों के जाने के बाद बाहर निकला और सबको इस घटना की सूचना दी।
इधर, दालान से करीब सौ फीट की दूरी पर सूरदास महाराज के कक्ष में वह और उनकी भाविक लछुदेवी थी। हमलावरों में उनके कक्ष में घुसकर सूरदास महाराज व लछुदेवी पर भी हमला करके उन्हें घायल कर दिया। एक अन्य कक्ष में सो रही कन्हैयालाल की पत्नी कांता देवी पर भी उन्होने हमला करके उन्हें घायल कर दिया। इन सभी को ग्रामीणों और पुलिस ने सिरोही ट्रोमा सेंटर पहुंचाया। जहां पर कन्हैयालाल को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। शेष घायलों का उपचार किया। पसलियों में चोट के कारण कांतादेवी को भी रैफर कर दिया गया।
-सेवा के लिए मौजूद थे कन्हैयालाल
सूरदास महाराज का पथरी का आॅपरेशन हुआ था। गुरु पूर्णिमा को कन्हैयालाल और उनकी पत्नी कांतादेवी यहां आई थी। इसके बाद अपने गुरु की सेवा के लिए वह लोग यहीं रुक गए। यहीं पर रविवार रात को हुए हमले में कन्हैयालाल की मौत हो गई।
-आज जाना था पालनपुर आॅपरेशन के लिए
घायलों में वीरवाडा निवासी शिक्षक गोविंद भी शामिल है। उन्होंने बताया कि आज सूरदास महाराज का पालनपुर में एक और आॅपरेशन होना था। इसी कारण वह खून ेदेने के लिए आश्रम में आया था। सोमवार को पालनपुर में आॅपरेशन के दौरान उसे ही खून देना था, लेकिन रात को यह हादसा हो गया और वह घायल हो गया।
-लाभसिंह को किया था मना
आमतौर पर सूरदास महाराज के साथ उनका भाविक लाभसिंह मौजूद रहता था। लेकिन रविवार रात को काफी लोगों के आश्रम में रहने के कारण सूरदास महाराज ने उसे गांव में जाने को कहा था। इसलिए वह गांव लौट गया था।
-भाविकों को लगा जमावडा, लगाया जाम, बाजार बन्द करने का प्रयास्
सूरदास महाराज के भक्त सिरोही जिले के अलावा गुजरात में भी काफी हैं। आश्रम में हमला और लूट की सूचना पर पाडीव, रामपुरा, अणगौर, शिवगंज, डोडुआ, खाम्भल, गोयली समेत जिलेभर से उनके भाविक जिला चिकित्सालय पहुंचने लगे। यहां पर उन्होंने बारिश के बीच ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हमलावरों को पकडने की मांग की। उन्होंने चिकित्सालय के मुख्यद्वार पर जाकर पैलेस रोड को जाम भी कर दिया। इन लोगो ने मृतक आश्रित को 10 लाख रुपये देने कि भी मांग की।
-पहुंचे लोढा और चौधरी
आश्रम पर हमले की सूचना मिलने पर पूर्व विधायक संयम लोढा भी आश्रम पहुंचे। यहां पर उन्होंने डीएसपी तेजसिंह से बात की। उन्होंने मामले के खुलासे के लिए डाॅग स्क्वायड मंगवाने की भी आवश्यकता जताई। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी, सिरोही सभापति ताराराम माली व् शिवगंज प्रधान जीवाराम आर्य भी पहुंचे।
उन्होंने भी डीएसपी से मामले की जानकारी ली। उधर, जिला चिकित्सालय पहुंचकर लोढा ने होम मिनिस्टर गुलाबचंद कटारिया व होम सेकेट्री दीपक उप्रेती से भी इस मामले बारे में बताया। उन्होंने मामले की जांच के लिए डाॅग स्क्वायड की आवश्यकता जताई।
-डाका डाला, ले गए जेवरात और गहने
आश्रम में हमलावरों ने करीब पौन घंटे तक आतंक मचाया। एक एक कमरे और मंदिर को खंगाला। वहां जो कुछ भी वह लूट सकते थे उन्होंने लूटां। दीवान, अलमारी, पलंग के नीचे के बाॅक्स, मंदिर के भंडारे आदि को उन्होंने खंगाला और जो कुछ भी ले जाने लायक मिला। वह साथ ले गए। भाविकों के भी आभूषण साथ ले गए।