रूड़की। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाको में यदि कही भी भूकंप आता है तो इसकी सूचना आईआईटी रूड़की के छात्रों को उनके मोबाइल पर प्राप्त हो जाएगी।
ऐसा संभव होगा उस मोबाइल एप्प के जरिए, जिसे रूड़की आइआइटी संस्थान के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग की ओर से तैयार किया जा रहा है। योजना के सफल होने पर आइआइटी रूड़की देश का ऐसा पहला संस्थान होगा, जहां पर छात्रों को भूकंप अलर्ट किया जा सकेगा।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी रूड़की का आपदा न्यनीकरण एवं प्रबंधन उत्कृष्टता केन्द्र, गढ़वाल में उत्तरकाषी से लेकर चमोली तक 84 सेंसर लगा चुका है जबकि कुमाँऊ में भी एक सौ सेंसर लगाए जाने की योजना है।
गढ़वाल क्षेत्र में लगे सेंसर के माध्यम से संस्थान को डाटा भी उपलब्ध हो रहे है। इसकी सफलता के बाद अब अर्ली वार्निंग सिस्टम से संस्थान को भी लैस किया जा रहा है।
इसके तहत एक ऐसा एप्प तैयार किया जा रहा है, जो सेंसर लगे क्षेत्र में भूकंप आने की सूचना छात्रों को मोबाइल पर चंद सेकंड में उपलब्ध करा देगा।
आईआईटी रूड़की के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के प्रो. अषोक कुमार माथुर के अनुसार इस एप्प को सभी अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेंगे। संस्थान की ओर से सभी हॉस्टल में सेंसर लगाए जा चुके है।
साथ ही भूकंप के दौरान और भूकंप आने के बाद, क्या करे, क्या न करें के संबंध में जागरूक करने के लिए भवनों के अंदर टीवी स्क्रीन पर वीडियो चलाया जाता है।