

नई दिल्ली। राज्यसभा में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा को मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को प्रश्नकाल रद्द कर दिया गया। कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर में सदन की कोई कीमत नहीं है। इसलिए वह जम्मू-कश्मीर हिंसा पर सदन में बोलने की जगह मध्य प्रदेश में बोलते हैं।
आजाद ने बुधवार को कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री प्रतिदिन सदन परिसर में स्थित ऑफिस में सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक मौजूद रहते हैं, लेकिन इन गंभीर मुद्दों पर वे सदन में आकर बयान क्यों नहीं देते।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कश्मीर के हालात जैसे गंभीर मुद्दे पर मध्य प्रदेश में बयान दिया। उन्होंने संसद में बयान देना जरुरी नहीं समझा। आजाद ने मजाक के अंदाज में कहा कि मध्य प्रदेश देश की राजधानी कब बन गई? आजाद ने कहा कि कश्मीर को केवल उसकी सुंदरता के लिए नहीं याद किया जाना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर चुट्की लेते हुए कहा कि कुछ बातें अटल जी की ही जुबान से ही अच्छी लगती हैं, दूसरों की जुबान से नहीं। नेहरू, इंदिरा और अटलजी अगर सदन के अपने कमरे में होते थे, तो बहस के दौरान चले आते थे। लेकिन मोदी को संसद ने नहीं सुना बल्कि तेलंगाना से उनकी तकरीर सुनी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं बहुत खुश हुआ था जब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के सामने सिर झुकाया था। मुझे खुशी होती है कि प्रधानमंत्री सदन के कमरे में सुबह 10 बजे आ जाते हैं और शाम 6 बजे तक बैठते हैं लेकिन पीएम इतने नजदीक होकर भी सबसे दूर हैं सदन से।
आजाद ने कहा कि कश्मीर के रूप में हमारा ताज जल रहा है। इसकी तपन दिल तक ना सही सिर तक तो मिलती ही होगी। कश्मीरी आवाम को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को उनके बारे में चिंता करनी चाहिए। आजाद ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आपका काम आग लगाना है। आप जहां भी कदम रखते हैं आग लग जाती है।
आजाद ने कहा कि 20-22 साल पहले से आतंकवादियों के उपद्रव के जम्मू कश्मीर को शांत करने का काम केवल वहां की स्थानीय पुलिस ही नहीं कर सकती है। सेना और अर्द्धसैनिक ने ही वहां शांति बहाल करने का काम किया है। उसका उपयोग सरकार सही ढंग से करे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल आतंकवाद होता है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
आजाद ने चर्चा के दौरान कहा कि दिल से जब दर्द निकलेगा तब आवाज कश्मीर तक पहुंचेगी। कश्मीर के बूढ़े-बच्चे पेलेट गन का शिकार हुए। कश्मीरियत का खात्मा पेलेट गन के जरिए किया जा रहा है। अभिन्न अंग का मतलब है कश्मीर और देश की सोच भी एक जैसी हो।
पाकिस्तान को कब्जे वाले इलाके से पीछे हटाना होगा। कश्मीर को बस उसकी खूबसूरती के लिए प्यार न करें, कश्मीर को उन लोगों और बच्चों के लिए भी चाहें जिन्होंने आंदोलन में अपनी आंखें खो दीं।
आजाद के बोलने के क्रम में सदन में हंगामा होने लगा जिसे शांत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कश्मीर आज एक संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है। हमें कश्मीर मुद्दे पर एक सुर में बात करनी चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के सांसद प्रो रामगोपाल यादव ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान को दुरुस्त नहीं किया जाएगा, तब तक कश्मीर समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार उसी सुर में बोलती है, जिसमें पाकिस्तान की सेना चाहती है।