नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आजादी का यह पर्व सशक्त क्रांतिकारियों के बलिदान के बाद मिला है। हमारा उद्देश्य स्वराज को सुराज में बदलना है।
स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल को सलाम किया। उन्होंने कहा है कि यह इनके अथक प्रयास हैं कि आज हम आजादी का जश्न मना रहे हैं। हर भारतीय ने देश के लिए काम किया है। उनके योगदान से ही स्वराज आया है। आज इस स्वराज को सुशासन में बदलना ही हमारा उद्देश्य है। इसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने की कोशिश करें।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान पकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद को संरक्षण देने वाले और आतंकियों का महिमामंडन करने वाले देशों को आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बलूचिस्तान, गिलगित और पाक के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचार का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि वहां हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहां के लोग पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बलूचिस्तान के नेताओं ने इस मामले में भारत से मदद भी मांगी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गिलगित, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों ने मेरे प्रति जो सद्भावना जताई है, उसके लिए मैं उनका विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया हो।
उन्होंने कहा कि जिस दिन उन्होंने शपथ ली थी, उसी दिन दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) देशों के नेताओं को आमंत्रित करके उनसे बातचीत की थी और उनका आह्वान किया था कि सब मिलकर क्षेत्र की साझा चुनौती गरीबी से लड़ाई लड़ें। अपने लोगों को गरीबी से आज़ादी दिलाने से बढ़कर कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि मानवता में पले बढ़े लोगों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों में अंतर क्या है, इसे मैं विश्व को समझना चाहता हूं। एक उदाहरण है कि पेशावर में एक स्कूल पर जब आतंकवादी हमला हुआ और निर्दोष बच्चों की हत्या कर दी गई।
ज्ञान के मंदिर को मासूम बच्चों के खून से रक्तरंजित कर दिया गया। तब भारत की संसद में सबकी आंखों में आंसू थे। भारत का हर बच्चा दुखी था। यही हमारी मानवता है जबकि वहां के लोग हमारे यहां आतंकवादी घटना में लोगों के मारे जाने पर जश्न मनाते हैं।
मोदी ने पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने की भारत की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि हम शांतिपूर्ण संबंध बनाकर सहयोग का रास्ता खोलना चाहते हैं। हम मिलकर गरीबी से लड़ना चाहते हैं। मैं सभी पड़ोसियों को गरीबी से लड़ने के इस संघर्ष में शामिल होने का निमंत्रण देता हूं। हमारे पड़ोसी देश का गरीब भी अगर गरीबी से आजादी पाता है, तो हमें खुशी होगी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर आतंकवाद के साथ-साथ माओवाद और नक्सलवादी समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिंसा और अत्याचार का भारत के लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। यह देश हिंसा और आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेगा। यह देश हिंसा के सामने कभी नहीं झुकेगा। उन्होंने नक्सलवाद की ओर रुख कर गए लोगों से अपील करते हुए कहा कि अभी भी समय है। मैं उन नौजवानों से अपील करता हूं कि वे लौट आएं। वे लौटकर अपने मां-बाप की उम्मीदों को पूरा करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें आक्षेपों से घिरी रहती थीं लेकिन वर्तमान सरकार अपेक्षाओं से घिरी है। उन्होंने कहा कि भारत को आजाद हुए 70 साल नहीं हुए, यह तो 70 साल का सफर है। उन्होंने कहा कि शासन को जवाबदेह और जिम्मेदार होना चाहिए और उनकी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश किस तरह तरक्की कर रहा है।
उन्होंने बताया कि अब ट्रेन टिकट की व्यवस्था और पासपोर्ट बनवाना पहले से आसान हो गया है। अस्पतालों में ऑनलाइन पंजीकरण होता है। उन्होंने कहा है कि पहले आयकर रिफंड में काफी वक्त लगता था, लेकिन अब यह तीन सप्ताह के अंदर हो जाता है।
उन्होंने कहा है कि लोग पुलिस अधिकारियों से ज्यादा आयकर अधिकारियों से डरते हैं, खासकर मध्यम वर्ग के लोग। वह इसे बदलना चाहता हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह पासपोर्ट बनवाने में भी पहले छह से आठ महीने का वक्त लगता था, लेकिन अब यह कुछ सप्ताह में ही बन जाता है।
सरकार ने 70 करोड़ भारतीयों को अधार कार्ड और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से भी जोड़ा है। आज सरकार के सभी बड़े अस्पतालों में ऑनलाईन पंजीकरण होते हैं और पूरा मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाईन उपलब्ध होता है। अब ग्रुप सी और ग्रुप डी के 9000 पदों पर इंटरव्यू की प्रक्रिया नहीं होगी। सिफारिश की जरूरत नहीं होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार में महंगाई दर 10 प्रतिशत को भी पार कर गई थी। हमारे लगातर प्रयासों कारण हमने इन्फ्लेशन रेट 10 प्रतिशत से ऊपर जाने नहीं दिया। हमने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ समझौता किया है कि चार प्रतिशत प्लस-माइनस टू के साथ महंगाई दर को नियंत्रित किया जाए।
दो साल के सूखे के कारण दाल का उत्पादन कम हुआ। उनकी सरकार ने किसानों को प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार अपेक्षाओं से घिरी सरकार है। मैं उस दिशा में प्रयासों में कोताही नहीं बरतूंगा। गरीब की थाली महंगी नहीं होने दूंगा।
ऊर्जा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों पर है। वह सौर व पवन ऊर्जा का भरपूर इस्तेमाल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एलईडी बल्ब की कीमत 350 रुपए से घटाकर 50 रुपए कर दी है। अब तक, ऐसे 13 करोड़ बल्ब वितरित किए जा चुके हैं और हमारा लक्ष्य 77 करोड़ बल्ब वितरित करना है।
इन 70 करोड़ एलईडी बल्बों से 1.25लाख करोड़ रुपए कीमत की 20 हजार मेगावाट बिजली की बचत होगी। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती इलाकों तक बिजली पहुंचाने के लिए 50 हजार किलोमीटर पारेषण (ट्रांसमिशन) लाइन का निर्माण किया गया है, जबकि पहले यह 30-35 हजार किलोमीटर थी।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि 18 हजार गांवों में से 10 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। उन्होंने कहा है कि आजादी के 60 साल के बाद केवल 14 करोड़ एलपीजी (रसोई गैस) का कनेक्शन दिया गया था, जबकि हमने मात्र 60 सप्ताह के अंदर चार करोड़ नए कनेक्शन दिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम टालना नहीं, टकराना जानते हैं। जब तक हम समस्याओं को सामने रखकर उनसे भिड़ते नहीं हैं, समस्याएं सुलझती नहीं हैं। सीमा पर फौज बलिदान दे रही है। कई साल से टल रहा था वन रैंक-वन पेंशन लेकिन हमने हर जवान के घर खुशहाली पहुंचा दी।
नेताजी की फाइलों को खोलने का निर्णय किया। दुनिया के देशों को भी कहा है कि आपके यहां की फाइलों को दीजिए। हिंदुस्तान को सुभाष बाबू के बारे में जानने का हक था। बांग्लादेश बना, तभी से सीमा विवाद चल रहा था। कई दशक चले गए लेकिन अब कई देशों ने मिलकर इसका निपटारा कर दिया।
बिल्डरों की जमात बड़ी अच्छी प्रिंटेड बुकलेट दिखाते हैं। आम आदमी को तकनीकी जानकारी नहीं होती इसलिए वह फंस जाता है। समय पर मकान नहीं मिल पाता। वह पूरी पूंजी लगा देता है। हमने रियल एस्टेट बिल लाकर नकेल डाल दी है। हम टालना नहीं, टकराना जानते हैं।
उन्होंने कि कहा कि भारत एक चिर पुरातन राष्ट्र है। वेद से विवेकानंद तक, सुदर्शनधारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक,महाभारत के भीम से लेकर भीमराव तक हमारी एक लंबी विरासत है। आज देश को नई दिशा में ले जाने का संकल्प पर्व है। हम एक श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा करेंगे।
सशक्त हिंदुस्तान, सशक्त समाज के बिना नहीं बन सकता और सशक्त समाज का निर्माण होता है, सामाजिक न्याय के आधार पर। युवाओं को अवसर मिले, युवाओं को रोजगार मिले, ये हमारे लिए समय की मांग है। काम का दायरा जितना बढ़ेगा, रोजगार की संभावना उतनी बढ़ेंगी। हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।