नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले से देश को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बीएपीएस स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने अहमदाबाद पहुंचे।
स्वामी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए और उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने तो अपने गुरु को खोया है, लेकिन मैंने अपने पिता को खो दिया है। मैं जब मुख्यमंत्री हुआ करता था तो वह मेरे भाषण मंगवाते थे और सुनते थे।
वह मुझे बताते थे कि किन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि इंसान को अच्छा इंसान बनाने में एक संत की भूमिका क्या होती है, ये उन्हें उनसे पता चला।
प्रधानमंत्री ने उनकी तुलना एक एक सच्चे और आदर्श संत से करते हुए कहा कि उन्होंने एक ऐसी पंरपरा खड़ी की है जो व्यक्ति के आधार पर नहीं है बल्कि व्यवस्था के आधार पर है। यहां संत को शिक्षा और उत्तम जीवन के मूल्यों के साथ जोड़ा जाता है।
देश और दुनिया में 831 अक्षरधाम और स्वामीनारायण मंदिर बनाने वाले प्रमुख स्वामी महाराज का 95 साल की उम्र में अहमदाबाद से करीब 100 किमी दूर सालंगपुर नामक स्थान पर निधन हो गया था।
कई महीनों से इलाज चल रहा था और वे वेंटिलेटर पर थे। लाखों की तादाद में स्वामी नारायण संप्रदाय के बोचासणवासी अक्षर पुरुषोत्तम संस्थान (बीएपीएस) से जुड़े लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए सारंगपुर आ रहे हैं।