लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार की आपसी कलह गहराती जा रही है। बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की महत्वपूर्ण बैठक से कबीना मंत्री गैरहाजिर रहे।
हालांकि, शिवपाल का कहना है कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताकर मुरादाबाद गए हुए थे, लेकिन सियासी गलियारे में चर्चा है कि शिवपाल भतीजे अखिलेश से नाराज हैं इसीलिए कैबिनेट की बैठक में नहीं पहुंचे।
बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की अहम बैठक राजधानी लखनऊ में चल रही थी। ठीक उसी समय कैबिनेट मंत्री और सपा मुखिया के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव मुरादाबाद में सहकारी बैंक के वार्षिक अधिवेशन में भाग ले रहे थे। वहां पर उन्होंने सहकारी बैंक की पांच शाखाओं का लोकार्पण भी किया।
जब उनसे पूछा गया कि कैबिनेट बैठक में वह शामिल क्यों नहीं हुए तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से छुट्टी लेकर आया हूं। इस अवसर पर उन्होंने अखिलेश सरकार की तारीफ भी की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। कहा कि सरकार ने गन्ना मूल्य का आठ हजार करोड रुपए का भुगतान अपने बजट से किया है और मिल मालिकों से शेष भुगतान कराएगी।
प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। खाद से गोदाम भरे पडे़ हैं । हमने चार साल में वो काम कर दिखाया जो पिछली सरकारें 40 साल में नहीं कर सकीं। जिला सहकारी बैंक महिलाओं को मात्र तीन प्रतिशत पर भी ऋण देता है।
उन्होंने कहा कि किसानों के दर्द को हम महसूस करते हैं। हम खुद किसान हैं। किसानों की समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।
कौमी एकता दल के विलय से बढ़ी थीं दूरियां
कैबिनेट मंत्री शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव में दूरियां उस वक्त बढ़ी थीं जब शिवपाल ने कौमी एकता दल का सपा में विलय की घोषणा की थी और मुख्यमंत्री ने उसे नहीं माना।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त तक कर दिया था। हालांकि बाद में बलराम यादव को पुनः कैबिनेट में शामिल किया गया, लेकिन चाचा भतीजे के बीच पैदा हुई खांई धीरे-धीरे बढ़ती गई।
इसके बाद एक दिन शिवपाल ने पार्टी से इस्तीफा देने तक की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा था कि पार्टी के नेता, मंत्री और अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उनकी बात को कोई सुनता तक नहीं। शिवपाल के इस बयान के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के नेताओं को जमकर फटकारा था।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुलायम ने यहां तक कह डाला कि शिवपाल ने तीन बार इस्तीफा दिया लेकिन मैंने उसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा था कि यदि शिवपाल चले गए तो सरकार की स्थिति नाजुक हो जाएगी।
सपा के अंदर इस हलचल के मद्देनजर सियासी गलियारे में चर्चा है कि मुलायम के परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि सरकार की कमियां छिपाने के लिए मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार वालों की यह नौटंकी है। फिलहाल कैबिनेट बैठक से शिवपाल का नदारद होना उनके और अखिलेश के बीच बढ़ती दूरियों के रूप में देखा जा रहा है।