भाई-बहनों के प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन पिछले तीन वर्षों से कुछ निश्चित समय के लिए होता था लेकिन इस बार सिंहासन गौरी योग के चलते पूरे दिन राखी बांधी जाएगी। ऐसे में दूर-दराज से आने वाले भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी है।
आचार्य राम औतार पाण्डेय ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भद्रा का साया नहीं पड़ेगा। तीन वर्ष के बाद यह संयोग बन रहा है। जब रक्षाबंधन के दिन लोगों को भद्रा काल देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बहनें दिनभर शुभ मुहूर्तों में राखी बांध सकेगीं।
साथ ही साथ इस बार सिंहासन गौरी योग के बनने से रक्षाबंधन का पर्व और भी विशेष रहेगा। आचार्य रमेश मिश्रा ने बताया कि इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व भद्रा मुक्त रहेगा। क्योंकि भद्रा काल सूर्योदय होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा।
इस कारण बहने चाहें तो सुबह मुहूर्त में रक्षाबंधन कर सकती है। दोपहर व शाम को भी राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में भी इस तरह के योग बने थे। उसके बाद इस वर्ष यह योग बन रहे हैं।
यह है शुभ मुहूर्त
आचार्य रमेश ने बताया कि सिंहायन योग बनने से वैसे तो पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है। लेकिन सुबह छह से साढ़े सात बजे तक, 10ः30 से दोपहर 12 बजे तक, साढ़े चार बजे से शाम छह बजे तक व छह बजे से साढ़े सात बजे तक विशेष मुहूर्त है।
सजी दुकानें
रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए शहर भर में मिठाइयों के प्रतिष्ठान सज गए है तो वहीं सड़कों में तमाम प्रकार की राखियां बहनों को अपने तरफ आकर्षित कर रहीं है।
छोटे बच्चों के लिए भीम, हनुमान, टॉम एंड जेरी, कृष्णा, गणेशा की राखियां बाजार में बच्चों को लुभा रही हैं। इसी तरह मिठाइयों में भी बच्चों के लिए चॉकलेट सहित तमाम प्रकार की मिठाइयां दुकानों में सजी हुई हैं।