गोपालगंज। पटना मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को दो और लोगों के दम तोड़ देने से अवैध शराब पीकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है क्योंकि गोरखपुर और गोपालगंज के अस्पतालों में भर्ती 10 लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
अभी तक जिला और राज्य प्रशासन ने इसे जहरीली शराब का हादसा नहीं माना है लेकिन हिन्दुस्थान समाचार के प्रतिनिधि की पीड़ितों से की गई बातचीत से यह पता चला है कि मामला जहरीली शराब का ही है जिसमें अबतक 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
नसीम और मुन्ना कुमार को ज्यादा शराब के सेवन के बाद पटना मेडिकल कॉलेज स्थानांतरित किया गया था। हादसे में बचे शम्भु राम का कहना है कि शराब के दो गिलास पीने के बाद ही उसे कुछ महसूस होने लगा था।
उसके कुछ साथियों ने तो इसके 6 गिलास तक पी लिए थे लेकिन जब वह घर आया तो उसे पेट में दर्द होने लगा। हादसे में मारे गए सभी लोगों ने खजुरबानी की एक देशी शराब की दुकान से शराब खरीदी थी। अकेले खजुरबानी में अबतक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
गोपालगंज के सिविल सर्जन माधेश्वर सिंह ने बुधवार कहा था कि मौत के पीछे जहरीली शराब है लेकिन आज उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। फोरेंसिक जांच टीम मौके पर पहुंच चुकी है। वहीं सूत्रों का कहना है कि फोरेंसिक जांच टीम की रिपोर्ट आने में काफी समय लग सकता है।
हादसे में मारे गये परमा महतो की विधवा पत्नी जितानी देवी ने कहा कि उसके पति ने 14 को भी उसी दुकान से शराब पी थी। 15 को शराब पीने के बाद उसके पेट में अचानक दर्द होना शुरू हो गया और वह उल्टी करने लगा।
हादसे के मुख्य आरोपी नगीना चौधरी के घर पर गुरुवार को ताला लगा हुआ था। पड़ोसियों का कहना है कि हादसे के बाद ही उसके परिवार के सभी लोग घर छोड़कर कहीं चले गए हैं। नगीना और उनके दो भाई शराब की गैर-कानूनी गतिविधियों में पहले भी शामिल रहे हैं। हाल ही में नगीना जेल से रिहा हुआ था।