नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लोगों पर हो रहे अत्याचार पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वहां के लोगों की सुरक्षा के लिए जो बन पड़ेगा किया जाएगा क्योंकि वे हमारे ही लोग हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरूवार को कहा कि विदेश सचिव एस.जयशंकर ने पाकिस्तान को साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर पर उसका कोई अधिकार नहीं है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के वित्त मंत्रियों की होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए अरूण जेटली इस्लामाबाद जाएंगे या नहीं इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की टीम को पीओके में जाने की अनुमति नहीं दे रहा है, जो कि अपने आप में ही एक संदेश है।
परमाणु परीक्षण पर पाबंदी के लिए द्विपक्षीय व्यवस्था की पाकिस्तान की पेशकश पर विकास स्वरूप ने कहा कि उन्होंने हमें प्रस्ताव दिया था, हमने उसका जवाब भेज दिया है। अब गेंद उनके पाले में है। अब उन्हे जवाब देना है।
विकास स्वरूप ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता नफीस जकारिया के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें जकारिया ने कहा है कि बलूचिस्तान पर बयान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘रेड लाइन’ (लक्ष्मण रेखा) पार कर दी है। उन्होंने कहा पाकिस्तान तो अपने स्वयं की कूटनीति की लक्ष्मण रेखा को नहीं पहचानता है।
नफीस जकारिया ने अपने एक बयान में कहा है कि बलूचिस्तान के बारे में बात करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले महीने के सत्र के दौरान वह या मुद्दा एक बार फिर उठाएंगे।