कानपुर। पूजन सामग्री व अस्थियां बहाने से गंगा कभी मैली नहीं हुई है, अगर ऐसा होता तो सदियों पहले ही गंगा आज की स्थिति में होती। नगरों का सीवरेज पानी व ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी ने गंगा की आस्था पर रोक लगा दी है। यह कहना है केन्द्रीय मंत्री उमा भारती का।
गंगा बैराज में नमामि गंगे योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं सरंक्षण मंत्री उमा भारती ने शिरकत किया। उन्होंने यहां पर 20 हजार करोड़ लागत की नमामि गंगे योजना का शुभारंभ किया।
अपने संबोधन में कहा कि लोगों में यह गलत धारणा फैलाई जा रही है कि हवन सामग्री, फूल मालाओं व अस्थियां बहाने से गंगा मैली हो रही है। जो पूरी तरह से गलत है, अस्थियां तो जल जीवों का भोजन है। उन्होंने कहा कि छह हजार गांवों के नाले, नगरो व महानगरों के नालों के साथ ट्रीटमेंट से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी ने गंगा को पूरी तरह से मैली कर दिया है।
आलम यह है कि गंगा की आस्था कमजोर होती जा रही है। जिसका प्रमाण गंगा दर्शन करने आने वाले भक्तों में देखा जाता है। जो गंगा का पानी पीने के बजाय बिसलरी की बोतल साथ लेकर चलते है।
इस अवसर पर महापौर जगतवीर सिंह द्रोण, सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी, देवेन्द्र सिंह भोले, विधायक सतीश महाना, सलिल विश्नोई, रघुनंदन सिंह भदौरिया, अरूण पाठक, गंगा स्वच्छ मिशन के निदेशक रजत भार्गव, जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी, पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार, अजय अग्निहोत्री, बृजेश तिवारी, किरन तिवारी आदि मौजूद रहीं।
दुश्मन है सीसामऊ नाला
गंगा में सबसे अधिक कानपुर क्षेत्र में सीवरेज पानी गिराने वाले सीसामऊ नाले को मंत्री ने कहा कि यह मेरा दुष्मन है। जब भी मै इसको देखती हूॅं तो ऐसा लगता है कि यह गंगा में नहीं गिर रहा है मेरे ऊपर से गुजर रहा है। मैने इसका ऐसा उपाय किया है कि कभी भी गंगा की तरफ देखेगा ही नहीं।
टेनरियों में लागू होगा जीएलडी सिद्धांत
जाजमऊ स्थित सैकड़ों टेनरी कारोबारियों को मंत्री ने हिदायत दी कि जब तक जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम नहीं लागू करोगे तब तक एक बूंद भी टेनरियों का पानी गंगा में नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भी जानकारी मिल रही है कि जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार आई तो जाजमऊ के आस-पास टेनरी कारोबारियों ने गंदे पानी को भूमिगत कर रहे हैं। इसके लिए बकायदा जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
2018 तक फेस वन का पूरा होगा कार्य
मंत्री ने बताया कि अक्टूबर 2016 से फेस वन का कार्य शुरू होगा जो अक्टूबर 2018 तक चलेगा। इसके लिए मंत्रालय को 20 हजार करोड़ स्वीकृत किए गए है। फेस वन के कार्य पूरा होने पर इसकी जांच के लिए गंगोत्री से पैदल यात्रा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य होगा वह गारन्टी के तहत होगा अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी 15 वर्षों के अंदर पाई जाती है तो उस कंपनी की जमानत राशि जब्त हो जाएगी।
राम को किया याद
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गंगा अविरल करने को जो जिम्मेदारी मुझे मिली है वह बहुत ही कठिन काम है। उन्होंने मीडिया से कहा कि आप लोग तत्काल इस योजना के काम का जवाब मांगते है। उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम ने भी 14 वर्ष के वनवास के बाद ही लंका में जाकर रावण को मारा था।
पहले पानी पियो फिर करो तर्पण
मंत्री ने कहा कि पितरों का तर्पण करने के लिए लोग गंगा में जाते हैं लेकिन अपने पीने के लिए बिसलरी का पानी साथ ले जाते हैं। जो दुर्भाग्यपूर्ण है आगे कहा कि जब तक स्वयं पानी न पियो तब तक तर्पण न करो। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह समय आने वाला है कि लोग बिसलरी की बोतल गंगा ले जाना भूल जाएंगे।