श्रीनगर/नई दिल्ली। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर के हाईकोर्ट को बताया कि वह कश्मीर में ‘पेलेट गन’ के प्रयोग पर रोक नहीं लगा सकते क्योंकि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उन्हें गोलियों का सहारा लेना पड़ेगा जिससे ज़्यादा लोग हताहत हो सकते हैं।
उच्च न्यायालय को दिए गए एक शपथपत्र में सीआरपीएफ ने कहा कि यदि पेलेट गन का प्रयोग रोक दिया गया तो चरम स्थितियों में उनके पास प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कोई विकल्प नहीं बचेगा और उन्हें राइफलों का इस्तेमाल करना पडेगा जिससे ज़्यादा लोगों की जान जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि पेलेट गन के प्रयोग पर सुरक्षा बलों और केंद्र सरकार की काफी आलोचना हुई है क्योंकि पेलेट (छर्रों) के आंखों में जाने से बहुत लोगों की रौशनी चली गई और बहुत की मृत्यु भी हो गयी है।
लगभग सभी नेताओं और राजनीतिक दलों ने केंद्र से पेलेट गन के प्रयोग पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि इस विषय पर विषेज्ञयों की राय ली जाएगी।
सीआरपीएफ ने कहा कि पेलेट गन का प्रयोग 2010 में शुरू किया गया था और दंगा नियंत्रण के लिए स्वीकृति भी प्राप्त कर ली थी। सीआरपीएफ ने कहा कि 9 जुलाई और 11 अगस्त के बीच लगभग 3000 पेलेट कारतूस दागे जा चुके हैं।