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Sushma swaraj slams those made altruistic Surrogacy a fashion
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जरूरत के नाम पर शुरू की गई सेरोगेसी अब शौक बन गई : सुषमा

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जरूरत के नाम पर शुरू की गई सेरोगेसी अब शौक बन गई : सुषमा
Sushma swaraj slams those made altruistic Surrogacy a fashion
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नई दिल्ली। सेरोगेसी विधेयक, 2016 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि यह विधेयक लाना बेहद जरूरी था क्योंकि जो चीजें जरूरत के नाम पर शुरू की गई थी वो अब शौक बन गई है। सुषमा ने सेरोगेसी (किराए की कोख) के दुरूपयोग पर मशहूर हस्तियों को भी आड़े हाथों लिया।

सुषमा ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह विधेयक सेरोगेसी की व्यावसायिक सेवा पर रोक लगाएगा और जरूरतमंद निसंतान दंपतियों को नैतिक रूप से सेरोगेसी की अनुमति देगा। सिर्फ़ परोपकार के उद्देश्य से ही भारतीय नागरिकों को किराए की कोख को अनुमति दी जाएगी। प्रवासी भारतीयों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) को इसकी अनुमति नहीं मिलेगी।

वर्तमान में सेरोगेसी विधेयक की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह विधेयक को लाना इसलिए जरूरी था क्योंकि दंपत्तियों के लिए भारत सेरोगेसी का केंद्र के रूप में उभरा है जो कि अनैतिक तरीकों से इसका इस्तेमाल कर रहे है।

सुषमा ने बताया कि सेरोगेसी विधेयक, 2016 के अनुसार एकल माता पिता, समलैंगिक जोड़ो, लिव-इन जोड़े किराए की कोख का इस्तेमाल नहीं कर सकते। सिर्फ़ भारतीय दंपत्तियों के लिए ही सेरोगेसी की अनुमति होगी। कोई विदेशी भारत में सेरोगेसी की सेवाएं नहीं ले सकता।

सुषमा ने कहा कि अगर आपका एक बच्चा है या आपने किसी बच्चे को गोद लिया है तो आप सेरोगेसी नहीं अपना सकते। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि दोनों बच्चों के पालन-पोषण में भेदभाव न किया जाए या बाद में संपत्ति पर झगड़े न हों।

मशहूर हस्तियों पर निशाना साधते हुए जो चीजें जरूरत के नाम पर शुरू की गई थी वो अब शौक बन गई है। बड़ी हस्तियां जिनके एक नहीं बल्कि दो बच्चे हैं, एक बेटा है एक बेटी है, फिर भी उन्होंने किराए की कोख ली।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सेरोगेसी विधेयक, 2016 को अपनी मंजूरी दे दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुसार इस विधेयक का उद्देश्य सरोगेट मताओं के अधिकारों की रक्षा करना, इस प्रकिया को कानून के दायरे में लाना और कमर्शियल सेरोगेसी पर रोक लगाना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद विधेयक को संसद में लाया जाएगा।