नई दिल्ली। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप और सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती से मुलाकात कर जल संसाधन और सड़कों के विस्तार से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा की एवं केन्द्र से आर्थिक मदद दिलवाने का आग्रह किया।
डॉ. रामप्रताप ने गुजरात के रण ऑफ कच्छ से जुड़े राज्य के जालौर जिले के भावतरा गांव में 8500 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना को शीघ्र ही स्वीकृत करवाने के साथ ही इसके लिए सौ प्रतिशत केंद्रीय मदद दिलवाने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-48 जालौर जिले में भावतरा गांव में यह बंदरगाह निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। इस बंदरगाह के बनने से राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्रों से नौ परिवहन द्वारा माल की आवाजाही आसानी से संभव हो सकेगी। साथ ही निर्मित माल को बाहर भेजने में होने वाले अनावश्यक विलम्ब की समस्या का समाधान भी हो सकेगा।
डॉ. रामप्रताप ने बताया कि दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कोरीडोर (डी.एम.आई.सी) का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान और इतना ही हिस्सा गुजरात से होकर गुजरेगा। इस दृष्टि से जालौर के निकट प्रस्तावित बंदरगाह का जल परिवहन की दृष्टि से महत्व और भी अधिक बढ़ जायेगा। श्री खान एवं डॉ रामप्रताप ने बाद में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती से भेंट कर जालोर बंदरगाह के प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की।
बैठक के बाद जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंतारवि सौंलकी ने बताया कि जालौर के निकट प्रस्तावित आर्टिफिशयल इनलैण्ड पोर्ट के लिए अरब सागर के पानी को एक चेनल बना कर लाना प्रस्तावित है। गुजरात के रण का कच्छ से जालौर जिले के सांचोर तक बनने वाली यह नहर करीब 250-300 कि.मी. लम्बी होगी।
उन्होने बताया कि यह नेवीगेशन चेनल्स करीब 300 मीटर चौड़ी और 25 मीटर गहरी होगी, ताकि इस कृत्रिम बंदरगाह पर मालवाहक जहाजों की आवाजाही और नौ परिवहन के लिए जल मार्ग बनना संभव हो सकेगा।
सड़क विस्तार परियोजनाओं के लिए मदद
राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान ने गडकरी से भेंट के दौरान प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने के लिए हाथ में ली गई महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत प्रस्तावित विभिन्न सड़क परियोजनाओं की केन्द्र में लंबित प्रस्तावों और उनकी वांछित स्वीकृति जारी करवाने का आग्रह किया।
साथ ही अतिवृष्टि से राज्य के कई राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गो को हुए नुकसान की जानकारी दी और इन महत्वपूर्ण सड़कों की यथाशीघ्र मरम्मत करवाने का आग्रह भी किया।