मुंबई। महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के मौके पर दही-हांडी उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बार 20 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर दही हांडी न लगाने का आदेश दिया है।
दादर में कोर्ट के फैसले का विरोध करने के लिए गोविंदाओं ने सड़क पर लेटकर पिरामिड बनाया। यहां एक गोविंदा पथक (दल) ने पिरामिड बना कर काले झंडे भी दिखाए हैं।
मुंबई के दादर में फैसले पर विरोध जताते हुए 20 फुट ऊंची दही-हांडी फोड़ने के लिए सीढ़ी का भी इस्तेमाल किया गया।
अब तक मुंबई व ठाणे में दही हांडी उत्सव मनाते हुए 49 गोविंदा घायल हुए हैं। इनमें से 40 गोविंदाओं को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है, जबकि 9 गोविंदाओं का इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में हो रहा है।
बता दें कि दही-हंडी उत्सव में 18 साल उम्र से कम युवकों के भाग लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी लगा दी है। सरकार ने भी सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए जोर दिया है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बुधवार को सर्कुलर जारी किया था।
17 अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। फैसले के अनुसार दही हांडी की हाइट 20 फीट से ज्यादा नहीं होगी और 18 साल से कम उम्र के बच्चे इसमें भाग नहीं ले सकेंगे।
आयोजकों को खुश करने के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मैदान में आ गए हैं। गुरुवार सुबह ही मुंबई ठाणे में जहां आम मुंबई वासियों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए दही-हांडी का पर्व मनाना शुरु किया है।
वहीं मनसे व शिवसेना की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाने का काम किया जा रहा है। इसके तहत मनसे कार्यकर्ता ठाणे में 40 फीट ऊंची दही-हांडी बांधकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की है।
इस तरह मनसे व शिवसेना ने गोरेगांव, जोगेश्वरी, लालबाग आदि क्षेत्रों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की है, लेकिन आम शहरी बगैर किसी लागलपेट के दही-हांडी का पर्व मनाने में ढ़ोलतासे के साथ लगा हुआ है। दही हांडी फोड़ते हुए अब तक 49 गोविंदा घायल हुए हैं, इनमें 9 का इलाज विभिन्न अस्पतालों में हो रहा है।